भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने वास्तव में बाबा राम देव को उनकी अरबों डॉलर की कंपनी पतंजलि द्वारा उत्पादित दवाओं के बारे में न केवल भ्रामक विज्ञापन देने के लिए बल्कि माननीय न्यायालय के समक्ष झूठी दलील देने के लिए भी जिम्मेदार ठहराया है। अब लाख टके का सवाल यह है कि क्या बाबा राम देव को आखिरकार उनके पापों की सजा मिलेगी?