सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार से सख़्त लहजे में कहा है कि वह न्यायपालिका को भाषण न दे। अदालत ने यह टिप्पणी तब की जब वह गैंगस्टर अबू सलेम की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। सलेम ने 25 साल से अधिक की जेल की सज़ा के ख़िलाफ़ याचिका लगाई है। प्रत्यर्पण के दौरान भारत द्वारा पुर्तगाल को दिए गए वचन के अनुसार कारावास की सजा 25 साल से अधिक नहीं हो सकती।
अबू सलेम केस- न्यायपालिका को भाषण न दे केंद्र: सुप्रीम कोर्ट
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- 21 Apr, 2022
क्या केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट को यह बताने की कोशिश कर रही है कि उसे क्या करना है और क्या नहीं? जानिए अबू सलेम की याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा।

अबू सलेम की याचिका पर ही केंद्र ने हलफनामा दायर कर जवाब दिया था। लेकिन हलफनामा में दिए गए जवाब के तौर-तरीक़ों पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराज़गी जताई। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के उस रुख को खारिज कर दिया कि अबू सलेम के प्रत्यर्पण के दौरान पुर्तगाल के सामने की गई प्रतिबद्धता से परे जाकर उसे दी गई 25 साल की सजा को बढ़ाया जाए। अदालत ने इस बात पर भी नाराज़गी जताई कि संबंधित मुद्दे को तय करने का यह 'उचित समय' नहीं है।