बिलकीस बानो के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या के मामले में 11 दोषियों की रिहाई को लेकर फिर से सुप्रीम कोर्ट ने तीखे सवाल किए। इसने दोषियों के वकील की इस दलील को खारिज कर दिया कि सुप्रीम कोर्ट ने ही जेल से रिहाई वाले माफी आदेश का फ़ैसला दिया था। मौजूदा सुप्रीम कोर्ट पीठ ने कहा कि गुजरात सरकार को छूट आवेदनों पर विचार करने की अनुमति देने वाला 2021 का फैसला बाद में पारित छूट आदेशों की न्यायिक समीक्षा पर रोक नहीं लगाता है। पिछली सुनवाई में इस बेंच ने तीखे सवाल किए थे और पूछा था कि बिलकीस के दोषियों पर सजा माफी नीति चुनिंदा तौर पर लागू क्यों?
बिलकीस केस- पहले का फैसला माफी आदेश की समीक्षा पर रोक नहीं: सुप्रीम कोर्ट
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- 25 Aug, 2023
बिलकीस बानो मामले में दोषियों की रिहाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फिर से तीखे सवाल किए हैं? जानिए, दोषियों की ओर से क्या दलील दी गई और सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा।

न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ गुजरात में 2002 के सांप्रदायिक दंगों के दौरान कई हत्याओं और हिंसक यौन उत्पीड़न के लिए आजीवन कारावास की सजा पाए 11 दोषियों को छूट देने के गुजरात सरकार के फैसले के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर गुजरात सरकार द्वारा सजा माफ करने के उनके आवेदन को मंजूरी मिलने के बाद दोषियों को रिहा कर दिया गया था।