सुप्रीम कोर्ट ने इंटरनेट पर वाणी की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने की सरकारों की कोशिशों पर बेहद कड़ी चेतावनी दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना पर सुनवाई के दौरान कहा है कि इंटरनेट पर किसी भी नागरिक को अपनी तकलीफ़ों को बयान करने से न रोकें और अगर ऐसा हुआ तो उसे अदालत की अवमानना माना जायेगा। सर्वोच्च अदालत ने सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशकों को सख़्त निर्देश दिये हैं।