जाने-माने वकील और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण को आपराधिक अवमानना के मामले में देश की सर्वोच्च अदालत मंगलवार को सजा सुना सकती है। न्यायालय अवमानना अधिनियम के तहत कोर्ट की अवमानना करने पर अधिकतम 6 माह का साधारण कारावास या जुर्माना (दो हजार तक) या दोनों का प्रावधान है। सोमवार को दाखिल अपने जवाब में प्रशांत भूषण ने माफ़ी मांगने से साफ इनकार कर दिया था।
प्रशांत भूषण: अवमानना के मामले में कितनी सजा हो सकती है, वकीलों से जानिए
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- 25 Aug, 2020

जाने-माने वकील और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण को आपराधिक अवमानना के मामले में देश की सर्वोच्च अदालत मंगलवार को सजा सुना सकती है।
पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की मांग को लेकर 20 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे प्रशांत भूषण को अदालत ने ये कहकर माफी मांगने को कहा था कि बाद में आप ये न कह सकें कि सुप्रीम कोर्ट ने आपको मौका नहीं दिया। हालांकि इसी दिन सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण से कहा था कि हम जो भी सजा देंगे वो तब तक अमल में नहीं लाई जाएगी जबतक कि आपकी पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई नहीं कर लेता।
दो ट्वीट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराया है। जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस बी.आर. गवई, जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ मंगलवार को सजा पर फैसला दे सकती है।