केंद्र सरकार ने नोटबंदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट को दिए हलफनामे में कहा है कि उसने इस पर फैसला लेने से 8 महीने पहले ही आरबीआई के साथ चर्चा शुरू कर दी थी। बताना होगा कि मोदी सरकार ने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी का फैसला लिया था जिसके तहत 500 और 1000 के नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया था।
नोटबंदी: RBI से 8 महीने पहले ही शुरू कर दी थी चर्चा- केंद्र
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- 17 Nov, 2022
केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को दिए गए हलफनामे में कहा गया है कि नकली नोटों की संख्या और उनकी वैल्यू में अच्छी-खासी गिरावट आई है। इसके अलावा डिजिटल लेनदेन काफी बढ़ गया है। नोटबंदी को लेकर विपक्षी दल खासकर कांग्रेस मोदी सरकार पर जमकर हमलावर रही है।

सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच- जस्टिस एस. अब्दुल नजीर, जस्टिस बी.आर. गवई, जस्टिस ए.एस. बोपन्ना, जस्टिस वी. रामसुब्रमण्यम, और जस्टिस बी.वी. नागरत्ना इस मामले में सुनवाई कर रही है।
केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को दिए गए हलफनामे में कहा गया है कि नोटबंदी के फैसले को लेकर पूरी तैयारी की गई थी और तत्कालीन वित्त मंत्री ने भी संसद में कहा था कि सरकार ने फरवरी 2016 में आरबीआई के साथ इस संबंध में चर्चा शुरू कर दी थी हालांकि इसे बेहद गोपनीय रखा गया था। केंद्र सरकार ने नोटबंदी को चुनौती देने वाली याचिकाओं के जवाब में यह हलफनामा दाखिल किया है।