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सुप्रीम कोर्ट कमेटी ने किसान नेताओं को बातचीत करने 3 जनवरी को बुलाया

रिटायर्ड जज नवाब सिंह की अध्यक्षता में गठित सुप्रीम कोर्ट की समिति ने संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) को 3 जनवरी को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। एसकेएम राष्ट्रीय समन्वय समिति के सदस्य रमिंदर सिंह पटियाला ने बताया कि किसान संगठन ने इस निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2 सितंबर 2024 को किसानों के साथ बातचीत करने के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया था। यह आदेश जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने जारी किया था। समिति की अध्यक्षता पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस नवाब सिंह को दी गई थी। कमेटी के सदस्यों में रिटायर्ड आईपीएस पी.एस. संधू, प्रोफेसर देवेन्द्र शर्मा और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्री सुखपाल सिंह के साथ चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति बी.आर. खंबोज को विशेष आमंत्रित सदस्य रखा गया था।
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सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के सामने इस समय दो प्रमुख मुद्दे हैं। जिसमें किसानों को एमएसपी दिलाना और आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल का आमरण अनशन खत्म कराना। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस कमेटी से कहा था कि वो किसानों को शंभू बॉर्डर से हटाकर किसी अन्य स्थान पर धरना देने को राजी करे। लेकिन जगजीत सिंह दल्लेवाल के आमरण अनशन शुरू करने की वजह से अब असली लक्ष्य उनका अनशन खत्म कराना, उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराना हो गया है।
किसान नेता दल्लेवाल की हालत अभी भी खराब है। एक मेडिकल टीम ने सोमवार को फिर से आमरण अनशन स्थल पर उनकी मेडिकल जांच की। मेडिकल टीम ने बताया कि दल्लेवाल की सेहत अभी भी खराब है। दल्लेवाल के आमरण अनशन का सोमवार को 35वां दिन है।

4 जनवरी को किसान महापंचायत

सुप्रीम कोर्ट कमेटी से 3 जनवरी को बातचीत के बाद किसान नेता 4 जनवरी को खन्नौरी में "किसान महापंचायत" में पहुंचेंगे और सारी जानकारी किसानों को देंगे। 4 जनवरी की किसान महापंचायत का मकसद आगे की रणनीति पर चर्चा है।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने चार दिन पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ एक बैठक का अनुरोध किया था। लेकिन वहां से किसान संगठनों को कोई निर्देश नहीं मिला। किसान नेता राष्ट्रपति को एमएसपी पर सारी जानकारी देना चाहते थे। 
हाल ही में संसद के शीतकालीन अधिवेशन में कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण पर स्थायी समिति ने कृषि उपज के लिए कानूनी रूप से गारंटीकृत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का समर्थन किया था। उसने इसे "आवश्यक" बताया था। इस कमेटी की रिपोर्ट सामने आने के बाद किसान नेताओं के हौसले बढ़े हुए हैं।
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उधर, पंजाब बंद ठीक शाम 4 बजे समाप्त करने की घोषणा किसान नेताओं ने की है। किसान नेताओं ने कहा कि पंजाब बंद बेहद सफल रहा। गांव से लेकर शहरों तक सबकुछ बंद था। नेताओं ने इस बात के लिए माफी मांगी है कि जनता को उससे कई जगहों पर असुविधा हुई। किसान नेताओं ने कहा कि वे 3 जनवरी की बैठक के बाद ही अब अपने अगले कदम की घोषणा करेंगे।
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क़मर वहीद नक़वी
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