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चर्च पर हमला करके तहस नहस कर दिया गया था। फाइल फोटो।

सुप्रीम कोर्ट ने गृह मंत्रालय से चर्च पर हमलों की रिपोर्ट मांगी

सुप्रीम कोर्ट ने ईसाई समुदाय और उनके चर्च पर हमलों को लेकर सरकार के बयान को नजरन्दाज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को गृह मंत्रालय से कहा कि वह उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड सहित कई अन्य राज्यों से ईसाई संस्थानों पर हमलों पर रिपोर्ट मांगे, जैसा एक जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है। दो हफ्ते पहले हुई सुनवाई पर सरकार ने ऐसी रिपोर्ट को गलत बताया था। लेकिन इसी बीच दो दिन पहले पंजाब में चर्च पर हमले की खबर आ गई।

जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने कहा कि किसी पर हमले का मतलब यह नहीं है कि यह उसके समुदाय पर हमला है। लेकिन अगर इसे जनहित याचिका (पीआईएल) में उठाया गया है तो ऐसी किसी भी घटना के दावों को सत्यापित करने की जरूरत है।

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सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सत्यापन पर यह पाया गया है कि जनहित याचिका में अधिकांश कथित मामले झूठे हैं और एक वेब पोर्टल पर प्रकाशित 'एक लेख' पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की जनहित याचिका में कोर्ट को आदेश नहीं देना चाहिए, नहीं तो भानुमती का पिटारा खुल जाएगा।

बेंच ने राज्यों से रिपोर्ट मांगने के लिए गृह मंत्रालय को दो महीने का समय दिया। कोर्ट ने कहा कि अदालत केवल इस बात से चिंतित है कि ऐसी घटनाओं की रिपोर्टिंग और निगरानी के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति पर उसके पहले के फैसलों का पालन राज्यों द्वारा किया जाता है। कोर्ट का आदेश नेशनल सॉलिडेरिटी फोरम के रेव डॉ. पीटर मचाडो, इवेंजेलिकल फेलोशिप ऑफ इंडिया के रेव विजयेश लाल और अन्य लोगों द्वारा देश में ईसाई समुदाय के सदस्यों के खिलाफ हिंसा का दावा करने वाली जनहित याचिका पर आया है।
5 अगस्त को, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से यह पता लगाने के लिए कहा था कि क्या राज्य उसके 2018 के फैसले का पालन कर रहे हैं, जिसमें सांप्रदायिक हिंसा और लिंचिंग को रोकने के लिए पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिए गए थे।

याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस ने पिछली सुनवाई पर बताया था कि पिछले कई महीनों में धार्मिक समुदाय पर लगभग 505 हमले हुए थे।

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जस्टिस चंद्रचूड़ ने सरकार से कहा, हमने तहसीन पूनावाला फैसले में ऐसे मामलों से निपटने के लिए एक रूपरेखा तैयार की थी। हम जानना चाहते हैं कि क्या राज्यों द्वारा फैसले में हमारे निर्देशों का पालन किया जा रहा है। अदालत में चल रही सुनवाई के बीच पंजाब के तरनतारन में एक चर्च पर हमले और पूजा स्थल को नुकसान पहुंचाने की खबर आई है। इसी तरह हरियाणा के विभिन्न जिलों से भी पादरियों और चर्च पर हमले की शिकायतें पुलिस के पास आती रहती हैं।
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क़मर वहीद नक़वी
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