स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के बाद कांग्रेस ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि देश ने बीते 75 सालों में अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं लेकिन आज की आत्ममुग्ध सरकार हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के महान बलिदानों और देश की गौरवशाली उपलब्धियों को तुच्छ साबित करने पर तुली हुई है। सोनिया ने कहा कि इसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से देश को संबोधित करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और परिवारवाद देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती के रूप में सामने हैं। उन्होंने कहा कि हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ना है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि पिछले 75 साल में भारत ने अपने प्रतिभाशाली भारतवासियों की कड़ी मेहनत के बल पर विज्ञान, शिक्षा, स्वास्थ्य और सूचना प्रौद्योगिकी सहित सभी क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय पटल पर एक अमिट छाप छोड़ी है।
मोदी ने क्या कहा?
दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि चाहे वो आजादी की लड़ाई लड़ने वाले हों या राष्ट्र का निर्माण करने वाले- डॉ. राजेंद्र प्रसाद, नेहरू जी, सरदार पटेल, एसपी मुखर्जी, एलबी शास्त्री, दीनदयाल उपाध्याय, जेपी नारायण, राम मनोहर लोहिया, विनोबा भावे, नानाजी देशमुख, सुब्रमण्यम भारती, आज उन्हें याद करने और नमन करने का वक्त है।
मोदी ने कहा कि अगर इस देश के सामने करोड़ों संकट हैं, तो इतने ही समाधान भी हैं। उन्होंने कहा कि निर्धारित लक्ष्य के साथ, संकल्प के प्रति समर्पण के साथ जब 130 करोड़ देशवासी आगे बढ़ते हैं, तो हिंदुस्तान 130 कदम आगे बढ़ जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के द्वारा आधार, मोबाइल जैसी आधुनिक व्यवस्थाओं का उपयोग करते हुए, गलत हाथों में जाने वाले 2 लाख करोड़ रुपये को बचाकर उन्हें देश की भलाई में लगाने में हम कामयाब हुए हैं।
विपक्ष-सरकार आमने-सामने
बता दें कि बीते कुछ महीनों में सोनिया और राहुल गांधी से जांच एजेंसी ईडी की पूछताछ, महंगाई, बेरोजगारी जैसे बड़े मसलों को लेकर कांग्रेस मोदी सरकार पर खासी हमलावर रही है। बेरोजगारी और महंगाई के खिलाफ कांग्रेस ने 5 अगस्त को काले कपड़े पहन कर प्रदर्शन किया था। कांग्रेस के प्रदर्शन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काला जादू वाला तंज किया था। इसके अलावा संसद का शीतकालीन सत्र भी हंगामेदार रहा था और इसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसद आमने-सामने दिखाई दिए थे।
विपक्ष ने सरकार पर बेरोजगारी, महंगाई, अग्निपथ योजना, जीएसटी की दरों में बढ़ोतरी जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा न कराने के आरोप लगाए थे।
अपनी राय बतायें