loader

सिख विरोधी दंगों की फिर होगी एसआईटी जाँच, फँसेंगे कमलनाथ?

कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम, डी. के. शिवकुमार के बाद अब कमलनाथ की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। यह मामला सिख विरोधी दंगों से जुड़ा हुआ है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गठित एसआईटी ने सिख विरोधी दंगों से जुड़े सात मामलों को फिर से खोलने का फ़ैसला किया है। इन मामलों में अभियुक्त या तो बरी कर दिए गए थे या फिर ट्रायल ही बंद कर दिया गया। इस मामले में आधिकारिक रूप से अधिसूचना जारी की गई है। बता दें कि जब कमलनाथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले थे, तब दिल्ली में कभी उनके साथी रहे सज्जन कुमार पर कोर्ट का फ़ैसला आया था और दिल्ली हाई कोर्ट ने 1984 नरसंहार में भीड़ को हिंसा पर भड़काने के लिए सज्जन कुमार को उम्रक़ैद की सज़ा दी है। 84 नरसंहार में कमलनाथ का भी नाम आया था और जैसे ही मुख्यमंत्री के तौर पर कमलनाथ के नाम की घोषणा हुई, सिख नेताओं ने उनके चयन का विरोध करना शुरू कर दिया था।

ताज़ा ख़बरें

एसआईटी के बारे में सरकारी अधिसूचना जारी होने के बाद दिल्ली के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कथित तौर पर उन 5 अभियुक्तों को शरण दी थी, जो सात में से एक मामले में अभियुक्त रहे हैं। 'टाइम्स ऑफ़ इंडिया' की रिपोर्ट के अनुसार, सिरसा ने कहा कि हालाँकि कमलनाथ का नाम एफ़आईआर में दर्ज नहीं है, लेकिन दंगे के पाँच अभियुक्तों को कमलनाथ के घर पर ठहराया गया था। उन्होंने आगे कहा कि लेकिन सबूत के अभाव में इन पाँचों को कोर्ट ने बरी कर दिया था। 

ऐसे में यह सवाल लाज़िमी है कि इस नरसंहार में कमलनाथ की क्या भूमिका थी और उनके ख़िलाफ़ चल रहे केस की क्या स्थिति है? कमलनाथ कहते हैं कि वह बेगुनाह हैं और उनकी बेगुनाही का सबूत यही है कि उनको 84 नरसंहार से जुड़े किसी भी अदालती मामले में अभियुक्त नहीं बनाया गया है। अब एसआईटी जाँच के फिर से खुलने के बाद कमलनाथ का नाम तो आएगा ही, ऐसे में वह भी फँस सकते हैं।

बता दें कि सिख विरोधी दंगे में कमलनाथ के नाम आने को लेकर राजनीतिक बयानबाज़ी होती रही है। हाल के दिनों में जब कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो यह मामला एक बार फिर उछला। इसको लेकर मध्य प्रदेश में भी उठापटक होती रही है।

देश से और ख़बरें

कमलनाथ सरकार पर राजनीति

मध्य प्रदेश में हाल ही में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बीजेपी के दो विधायकों को तोड़ लिया था। बीजेपी के पाँच विधायक संपर्क में होने का दावा भी कांग्रेस खेमे ने किया था। तब पूर्व संसदीय कार्य मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ विधायक नरोत्तम मिश्रा ने कहा था, ‘खेल कांग्रेस ने शुरू किया है - उसे ख़त्म बीजेपी करेगी।’

बता दें कि पिछले साल 17 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से ही बीजेपी कांग्रेस सरकार के ‘भविष्य’ को लेकर छींटाकशी करती रही है। पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह ने कई बार कहा, ‘कमलनाथ सरकार का भविष्य लंबा नहीं है। यह सरकार कभी भी चली जायेगी। बीजेपी इसे गिराने का पाप नहीं करेगी। यह अपने अंर्तद्वंद्वों से स्वयं गिर जायेगी।’

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी कह चुके हैं, ‘बॉस’ का इशारा होते ही मिनटों में कमलनाथ सरकार को गिरा देंगे।’

बीजेपी के विधायकों को तोड़े जाने पर मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सदन में दावा किया था, ‘हमारी पार्टी के नंबर-1 और नंबर-2 नेता इशारा कर देंगे तो मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को हम 24 घंटे में गिरा देंगे।’ ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सच में मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार पर मुश्किल आन पड़ी है?

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें