सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में बठिंडा पुलिस ने केशव नाम के एक शार्प शूटर को गिरफ्तार किया है। गायक और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की 29 मई को उनकी कार में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अब यह बात धीरे-धीरे खुलती जा रही है कि पंजाब में गैंगवॉर का नतीजा यह हत्याकांड है। गुरुवार को इस गिरफ्तारी और बुधवार शाम को दिल्ली पुलिस के बयान से यह साफ हो गया कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या एक बहुत बड़ी साजिश थी, जिसे अंजाम दिया गया। अभी तक पंजाब पुलिस ने जितने भी आरोपियों की गिरफ्तारियां की हैं, उनकी कड़ियां लॉरेंस बिश्नोई के गैंग से नहीं जोड़ पाई है।
केशव को 29 मई को संदीप सिंह उर्फ केकड़ा के साथ देखा गया था। संदीप सिंह ने मूसेवाला की हत्या से कुछ मिनट पहले एक सेल्फी क्लिक की थी। पहले पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसने केशव को 29 मई को मूसेवाला के घर और आसपास के इलाकों की रेकी करने में मदद की। केशव पर हत्यारों को हथियार मुहैया कराने का आरोप है। पुलिस ने उसके सहयोगी चेतन को भी गिरफ्तार कर लिया है।
ताजा ख़बरें
कनाडा के गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली है। लेकिन दिल्ली पुलिस ने बुधवार शाम को कहा था था कि दरअसल लॉरेंस बिश्नोई ही इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड है। गोल्डी बराड़ का लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से करीबी संबंध है। गोल्डी ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि उसने गैंगस्टर विक्की मिड्दुखेरा की मौत का बदला लेने के लिए मूसेवाला की हत्या की थी।
सूत्रों ने बताया कि सिद्धू मूसेवाला को मारने के लिए एएन-94 रूसी असॉल्ट राइफल (1994 का एवोमैट निकोनोवा मॉडल) की 30 राउंड गोलियों का इस्तेमाल किया गया था। इस मामले में अभी तक जो गिरफ्तारियां हुई हैं, उसके तार पंजाब से निकलकर उत्तराखंड, यूपी, बिहार, हरियाणा तक जा पहुंचे हैं। कहानी हर अगले दिन उलझती जा रही है।
सिद्धू ने इस साल की शुरुआत में मानसा से कांग्रेस के टिकट पर पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ा था और उन्हें आप उम्मीदवार विजय सिंगला ने 63,000 मतों के भारी अंतर से हराया था। विजय सिंगला को हाल ही में पंजाब के सीएम भगवंत मान ने भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त कर दिया था।
बंदूकों के साये में पंजाबः नवंबर 2016 में पंजाब के नाभा शहर की उच्च सुरक्षा वाली जेल में एक दर्जन से अधिक गैंगस्टरों ने पुलिसकर्मियों के वेश में छह कैदियों को एक जेल ब्रेक में छुड़ाया था। दो आतंकवादी और चार गैंगस्टर उस जेल ब्रेक के दौरान भाग निकले। एक ऐसा राज्य जिसने आतंकवाद को हराया था, उसे गैंगस्टरों ने खूनी युद्ध में उलझा दिया।
6 साल बाद अज्ञात हमलावरों द्वारा गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या न सिर्फ इस बात की एक क्रूर याद दिलाती है कि कैसे बंदूकों ने फिर से पंजाब की पांच नदियों की जमीन पर कब्जा कर लिया है। इसने 700 करोड़ रुपये की पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री में प्रतिद्वंदिता को भी उजागर कर दिया है। , कभी गुरदास मान, दलेर मेंहदी, हंसराज हंस जैसे गायक यहां के बादशाह हुआ करते थे। लेकिन पंजाब के युवा को आज मूसेवाला जैसा ब्रैंडेड रैप चाहिए। उन बादशाहों की जगह मूसेवाला जैसे गायकों ने ले ली।
गायक मूसेवाला की हत्या ने अब कई कहानियों को जन्म दे दिया है और इस गायक को एक 'किंवदंती' के रूप में ख्याति मिल रही है।
मूसेवाला अपने समय के सबसे प्रभावशाली रैपर्स में से एक था। उसकी देखादेखी पंजाबी के बाकी रैपर्स उसी रास्ते पर चल पड़े। अपने वीडियो में मूसेवाला को एके 47 से फायरिंग करना सीखते हुए देखा गया था। जब उससे अपने संगीत में बंदूकों को बढ़ावा देना बंद करने के लिए कहा गया, तो उसने कहा था कि अगर वह गाना बंद कर देगा, तो क्या गैंगस्टर बंद हो जाएंगे। इस मामले में उसके खिलाफ एफआईआर हुई थीं।
मूसेवाला विवादों की खान था। 2019 में, रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस द्वारा शो में छुरा घोंपने और हवा में गोली चलाने सहित हिंसा का हवाला देने के बाद, सरे शहर में प्रदर्शन रद्द कर दिया गया था।
ग्रेटर टोरंटो एरिया का ब्रैम्पटन, जो गायक मूसेवाला के लिए दूसरा घर था, अब पंजाबी गायकों के बंदूकों के लिए जाना जाता है। पंजाबी रैप गायकों के लाखों में फैंस हैं, जिनमें से अधिकांश प्रभावशाली युवा हैं जो पंजाब में आतंकवाद के दौर में पैदा नहीं हुए थे। गायक रब्बी ने द ट्रिब्यून के लिए लिखे एक अंश में इसका सार प्रस्तुत किया था। रब्बी ने लिखा था कि मूसेवाला के संगीत से मेरा पहला परिचय चार्टबस्टर 'जी वैगन' के माध्यम से था।
हत्या के बदले हत्या पंजाब पर हावी हो रही है जहां खेत सिकुड़ गए हैं और सिर्फ बुजुर्ग ही ही खेतों में दिखाई पड़ते हैं। अवैध हथियारों का व्यापार फल-फूल रहा है। द ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि हथियार मध्य प्रदेश से मंगवाए जाते हैं और फिर गैंगस्टरों को 50,000 रुपये या उससे भी सस्ते में बेचे जाते हैं।
मूसेवाला की हत्या के तुरंत बाद, कनाडा स्थित गोल्डी बरार, जो लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का सदस्य है, ने कथित तौर पर सलमान खान के परिवार को धमकी दी। अब मूसेवाला की हत्या का बदला लेने की कसमें खाई जा रही हैं।
देश से और खबरें
हत्या के अधिकांश मास्टरमाइंड विदेशों में हैं, पुलिस के लिए उन्हें अपने ट्रैक में पकड़ना या रोकना मुश्किल हो जाता है। गिरोह कितने उलझे हुए हैं, इसका अंदाजा इनके नंबरों से लगाया जा सकता है। ये सैकड़ों की संख्या में गिरोह के कुछ सदस्यों के साथ ही नजर आते हैं। उनका गठजोड़ अब राजस्थान, हरियाणा, बिहार और उत्तर प्रदेश राज्यों में भी फल-फूल रहा है।
अपनी राय बतायें