सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को देशद्रोह कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई टालने के केंद्र के सुझाव पर सवाल किया कि ऐसे में पेंडिंग केसों का क्या होगा, क्या तब तक सभी केस होल्ड पर रहेंगे। अदालत ने केंद्र से कहा कि वो बुधवार को अपना लिखित जवाब दाखिल करे। 


सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि अगर आप इस पर पुनर्विचार करने जा रहे हैं तो क्यों नहीं इसकी समयसीमा तीन-चार महीने तय करते और राज्यों से कहा जाए कि इस पर तब तक वो कोई कार्रवाई न करें। अदालत ने केंद्र से यह भी पूछा कि इस कानून का गलत इस्तेमाल कैसे रोका जा सकेगा।