राजद्रोह कानून पर केंद्र सरकार का रुख बदल रहा है। पहले वो इस कानून को हटाने के समर्थन में रही है लेकिन वो अब न सिर्फ इसका बचाव कर रही है बल्कि इस पर पुनर्विचार की बात कह रही है। चीफ जस्टिस रमना की बेंच ने जब इसे पांच जजों की संवैधानिक पीठ को भेजने की बात कही तो सरकार ने उसका भी विरोध किया।




केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने राजद्रोह (देशद्रोह) कानून के प्रावधानों की फिर से जांच करने और पुनर्विचार करने का फैसला किया है और अनुरोध किया है कि जब तक सरकार इस मामले की जांच नहीं कर लेती, तब तक वह राजद्रोह का मामला नहीं उठाए। केंद्र सरकार ने एक हलफनामे कहा कि उसने धारा 124 ए आईपीसी (देशद्रोह) के प्रावधानों की फिर से जांच और पुनर्विचार करने का फैसला किया है।