लॉकडाउन की वजह से स्कूल बंद होने के बेहद बुरे परिणाम दिखने लगे हैं और इसका ज़्यादा असर गाँवों के बच्चों पर पड़ा है। एक सर्वेक्षण से पता चला है कि गाँवों के सिर्फ आठ प्रतिशत बच्चे ही नियमित ऑनलाइन क्लास कर रहे हैं।