न्याय का एक मूल सिद्धांत यह भी होता है कि भले ही गुनहगार बच जाए, लेकिन बेगुनाह को सज़ा नहीं मिलनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कुछ इसी आधार पर जमानत और कैद को लेकर फ़ैसला दिया है। इसने कहा है कि जमानत को बढ़ावा देना चाहिए न कि जेल में कैद को। इसके साथ ही इसने इस पर चिंता जताई कि कई निर्देश देने के बावजूद निचली अदालतों द्वारा जमानत को प्रोत्साहित करने में अनिच्छा दिखी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसी अदालतों की मानसिकता बदलने की ज़रूरत है।