सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा है कि किसी लोक सेवक को भ्रष्टाचार के मामले में भ्रष्टाचार के लिए सर्कमस्टैंशियल यानी परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर दोषी ठहराया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ऐसा तब किया जा सकता है जब अधिकारी के ख़िलाफ़ कोई प्रत्यक्ष मौखिक या दस्तावेजी साक्ष्य नहीं हो।
भ्रष्टाचार में लोक सेवक के ख़िलाफ़ अप्रत्यक्ष साक्ष्य भी मान्य: सुप्रीम कोर्ट
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- 15 Dec, 2022
अधिकारियों के ख़िलाफ़ घूसखोरी या भ्रष्टाचार के दोष साबित करने लिए सबूत को लेकर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने एक अहम फ़ैसला सुनाया है। जानिए, इसने क्या कहा।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार एक महत्वपूर्ण फ़ैसले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एक लोक सेवक को दोषी ठहराने के लिए रिश्वत की मांग या स्वीकृति का प्रत्यक्ष प्रमाण आवश्यक नहीं है और इस तरह के तथ्य को परिस्थितिजन्य साक्ष्य के माध्यम से साबित किया जा सकता है।