ज़्यादा घातक क्या- प्रदूषण यानी ख़राब हवा या फिर कोरोना संक्रमण? यदि आप भी भारत सहित दुनिया भर को झकझोर देने वाले कोरोना को ज़्यादा घातक मानते हैं तो प्रदूषण के आँकड़े आपको विचार बदलने को मजबूर कर सकते हैं।
प्रदूषण कोरोना से भी ज़्यादा घातक! सरकार के भरोसे रहे तो...?
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- 16 Nov, 2021
प्रदूषण यानी ख़राब हवा से दिल्ली को क्या निजात मिल पाएगी? जानिए, जहरीली हवा से हर साल इतनी मौतें जितनी कोरोना से भी नहीं हुईं!

सामान्य तौर पर प्रदूषण और कोरोना की तुलना नहीं की जा सकती है, लेकिन यदि इनकी वजहों से मौत को घातक होने का पैमाना माना जाए तो तुलना आसान हो जाएगी। आधिकारिक आँकड़ों पर भरोसा करें तो कोरोना संक्रमण से पिछले एक साल में क़रीब 3 लाख 30 हज़ार लोगों की मौत हुई और यदि कोरोना संक्रमण शुरू होने से अब तक को जोड़ें तो 4 लाख 63 हज़ार लोगों की मौत हुई। अब प्रदूषण से मरने वालों का आँकड़ा देखिए। पिछले साल विज्ञान की प्रसिद्ध पत्रिका लांसेट में एक रिपोर्ट आई थी कि 2019 में 16 लाख 70 हज़ार लोगों की मौत ख़राब हवा से हो गई। उससे पहले वह रिपोर्ट 2017 में आई थी और तब प्रदूषण के कारण 12 लाख 40 हज़ार लोगों की मौत बताई गई थी।