सुप्रीम कोर्ट ने ज़ी न्यूज़ के एंकर रोहित रंजन को अंतरिम राहत दे दी है। उनके ख़िलाफ़ राहुल गांधी के छेड़छाड़ वाले वीडियो को प्रसारित करने पर कई एफ़आईआर दर्ज की गई है। इसी मामले में उन्होंने हिरासत में लिए जाने या दंडात्मक कार्रवाई को रोकने के लिए याचिका दायर की थी।
न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी की पीठ ने याचिका पर सुनवाई की। न्यायमूर्ति बनर्जी का कहना है कि अदालत अंतरिम जमानत इस शर्त पर देगी कि वह अदालत के अधिकार क्षेत्र से बाहर नहीं जाएंगे और आगे कोई ट्वीट नहीं करेंगे।
खंडपीठ ने अंतरिम आदेश पारित किया जिसमें अधिकारियों को डीएनए शो के उस प्रसारण के संबंध में रोहित रंजन को हिरासत में लेने के लिए कठोर कदम उठाने से रोक दिया गया।
यह मामला उससे जुड़ा है जिसमें ज़ी न्यूज़ पर आने वाले कार्यक्रम डीएनए में एंकर रोहित रंजन ने उदयपुर में हुए कन्हैया हत्याकांड पर शो किया था। लेकिन इस कार्यक्रम में राहुल गांधी द्वारा वायनाड में उनके दफ्तर में तोड़फोड़ करने वाले लोगों को माफ करने की बात कहे जाने वाली बाइट को चला दिया गया था। उस कार्यक्रम को ऐसे पेश किया गया था कि मानो राहुल गांधी उदयपुर के हत्यारों को माफ करने की बात कह रहे हों, जबकि ऐसा नहीं थी।
डीएनए के कार्यक्रम के इस वीडियो को कई लोगों ने सोशल मीडिया पर शेयर किया और उसके बाद कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को इस संबंध में पत्र लिखा था।
इसके बाद रोहित रंजन के खिलाफ राजस्थान और छत्तीसगढ़ में एफआईआर दर्ज की गई थी। राजस्थान में दर्ज की गई एफआईआर में पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का भी नाम था।
विवाद होने के बाद रोहित रंजन ने टेलीविजन चैनल पर आकर इस गलती के लिए माफी मांगी थी और कहा था, 'हमारे शो डीएनए में राहुल गांधी के बयान को उदयपुर की घटना से जोड़कर ग़लत संदर्भ में लिया गया, यह एक मानवीय भूल थी जिसके लिए हमारी टीम माफी मांगती है।'
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