सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को वीवीपीएटी के साथ ईवीएम डेटा के 100% सत्यापन की मांग करने वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। इससे पहले इसने चुनाव प्रक्रिया में पवित्रता बनाए रखने को कहा। इसी के मद्दनज़र अदालत ने चुनाव आयोग से ईवीएम के साथ वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल यानी वीवीपैट पर्चियों को क्रॉस-वेरिफिकेशन के संबंध में पूरी जानकारी मांगी है। शीर्ष अदालत ने कहा कि किसी को भी यह आशंका नहीं होनी चाहिए कि जो कुछ अपेक्षित है वह नहीं किया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- क्या वोटरों को वीवीपैट पर्ची मिल सकती है; जानें EC का जवाब
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- 18 Apr, 2024
क्या वीवीपैट का इस्तेमाल सभी ईवीएम के साथ नहीं किया जा सकता है और क्या इसके साथ वोटर को पर्ची नहीं दी जा सकती है? जानिए, इसके विरोध में क्या दलील दी गई।

याचिकाकर्ताओं में से एक के वकील निज़ाम पाशा ने कहा कि एक मतदाता को वोट देने के बाद वीवीपैट पर्ची लेने और उसे मतपेटी में जमा करने की अनुमति दी जानी चाहिए। जब न्यायमूर्ति खन्ना ने पूछा कि क्या ऐसी प्रक्रिया से मतदाता की गोपनीयता प्रभावित नहीं होगी, तो पाशा ने कहा, 'मतदाता की गोपनीयता का उपयोग मतदाता के अधिकारों के हनन के लिए नहीं किया जा सकता है।'