ऑक्सीजन, दवाएँ और बेड की कमी को लेकर देश की छह हाई कोर्ट में इससे जुड़े मामलों की सुनवाई किए जाने के बीच सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दखल दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब माँगा है। इसने केंद्र को नोटिस जारी कर पूछा कि ऑक्सीजन की आपूर्ति, ज़रूरी दवाओं और टीकाकरण पर राष्ट्रीय योजना क्या है। मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे ने कहा है कि 'इस मुद्दे पर हम राष्ट्रीय योजना जानना चाहते हैं'।
सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर स्वत: संज्ञान लिया है। यह तब हुआ है जब ऑक्सीजन की कमी, अस्पताल बेड की कमी और रेमडेसिविर दवा की कमी को लेकर अलग-अलग याचिकाओं पर देश की कम से कम 6 हाई कोर्ट सुनवाई कर रहे हैं। इसको लेकर एक दिन पहले ही यानी बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र की जमकर खिंचाई की है। अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार देर शाम को केंद्र सरकार के रवैये पर सख़्त टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी है फिर भी औद्योगिक इकाइयों को ऑक्सीजन क्यों दी जा रही है। इसने टिप्पणी की कि इसका मतलब है कि इंसानी ज़िंदगियाँ सरकार के लिए कोई मायने नहीं रखतीं।
इसी बीच आज सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को ख़ुद से आगे बढ़कर संज्ञान ले लिया। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, 'हम जानना चाहते हैं। ऑक्सीजन की आपूर्ति, आवश्यक दवाओं की आपूर्ति, टीकाकरण के तरीक़े और प्रक्रिया के चार मुद्दों के संबंध में...।'
इसके साथ ही सर्वोच्च अदालत ने यह भी कहा, 'हम छह उच्च न्यायालयों - दिल्ली, बॉम्बे, सिक्किम, मध्य प्रदेश, कलकत्ता और इलाहाबाद में लिए गए कुछ मुद्दों पर स्वत: संज्ञान लेना चाहते हैं। अब वे अपने अधिकार क्षेत्र का सबसे अच्छे तरीक़े से उपयोग कर रहे हैं।' इस मामले में अब सुनवाई शुक्रवार को होगी।
पहले से ही बुरी हालत में पड़ी देश की स्वास्थ्य व्यवस्था तब और चरमरा गई जब कोरोना की दूसरी लहर आ गई। देश में पहली बार कोरोना संक्रमण के मामले रिकॉर्ड 3 लाख से ज़्यादा आए हैं।
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