दिल्ली की एक कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद पवन खेड़ा रिहा हो गए। रिहाई के बाद पवन खेड़ा ने कहा कि अवैध तरीक़े से उन्हें गिरफ़्तार किया गया था और देश और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा। द्वारका कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर 30 हजार रुपये के मुचलके पर अंतरिम जमानत दी। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें मंगलवार तक के लिए अंतरिम ज़मानत देने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने असम और उत्तर प्रदेश पुलिस को पवन खेड़ा के ख़िलाफ़ दर्ज सभी एफ़आईआर को एक साथ करने के लिए नोटिस भी जारी किया। प्रधानमंत्री मोदी पर विवादित टिप्पणी को लेकर दर्ज एफ़आईआर के मामले में असम पुलिस ने पवन खेड़ा को आज ही गिरफ्तार किया है। असम पुलिस उन्हें स्थानीय अदालत में पेश करने वाली थी, लेकिन इससे पहले ही इस मामले को लेकर कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट में पहुँच गयी।
सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत का आदेश, रिहा हुए पवन खेड़ा
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- 23 Feb, 2023
पवन खेड़ा की गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पहुँची। जानिए सुप्रीम कोर्ट ने किस रूप में उनको राहत दी।

इस मामले में सुनवाई के दौरान कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी दलीलें रखीं। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच के सामने कांग्रेस की ओर से पेश अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह तीन अलग-अलग राज्यों का जानबूझकर किया गया उत्पीड़न है। सिंघवी ने कहा कि पवन खेड़ा की जुबान फिसल गई थी और उन्होंने अपने बयान का कभी बचाव नहीं किया, बल्कि माफी मांगी। सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा, 'हम आपकी रक्षा कर रहे हैं, लेकिन कुछ स्तर का संवाद होना चाहिए।'