अजमेर में ऐतिहासिक 'अढ़ाई दिन का झोंपड़ा' मस्जिद को मंदिर तोड़कर बनाए जाने का दावा किया गया है। कुछ दिन पहले ही अजमेर शरीफ दरगाह के सर्वेक्षण की मांग वाली याचिका दायर की गई है। इससे पहले यूपी के संभल में एक मस्जिद को लेकर ऐसा ही दावा किया गया और सर्वे भी शुरू कर दिया गया। हिंसा तक हुई। इससे पहले काशी, मथुरा में भी मस्जिदों पर दावे किए जा रहे हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों से ऐसे कई मामले लगातार आ रहे हैं। आख़िर ऐसा क्यों हो रहा है, इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के प्रसिद्ध वकील दुष्यंत दवे ने एक लेख लिखा है। इसमें उन्होंने हाल के ऐसे मामलों पर तीखी टिप्पणी की है और कहा है कि क्या अदालतें अपनी ही अवमानना कर सकती हैं, ऐसा संभव है?