एक के बाद एक मस्जिदों पर आख़िर क्यों दावे किए जा रहे हैं? पहले आख़िर ऐसा अलग क्या था कि देश भर में अलग-अलग मस्जिदों पर इस तरह से दावे नहीं किए जा रहे थे?
वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यन्त दवे ने सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को अनुच्छेद 370 पर अपनी दलीलें दी हैं। सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है।
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । सरकार से सीधे टक्कर लेने में डरता है सुप्रीम कोर्ट: सीनियर एडवोकेट दवे । दवे : HC में विधेश विचारधारा के जज भेजे जा रहे हैं, ख़तरनाक है
सुप्रीम कोर्ट में हिजाब पर बहस जारी है। सुनवाई का सोमवार 19 सितंबर को सातवां दिन था। सीनियर वकील दुष्यंत दवे ने देश की बहुसंस्कृति को लेकर जोरदार बहस की। सुनवाई मंगलवार को भी जारी रहेगी।
अरसे बाद पहली बार टीका नीति पर सुप्रीम कोर्ट तनकर खड़ा हुआ है और उसने मोदी सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया है। लेकिन क्या वह बड़े टकराव के लिए तैयार है? सुप्रीम कोर्ट बार कौंसिल के पूर्व अध्यक्ष दुष्यंत दवे से बातचीत
अरसे बाद पहली बार टीका नीति पर सुप्रीम कोर्ट तनकर खड़ा हुआ है और उसने मोदी सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया है। लेकिन क्या वह बड़े टकराव के लिए तैयार है?
मोदी सरकार ने क्यों नहीं किये ऑक्सीजन, बेड के पुख्ता इंतज़ाम? झूठे आँकड़े दिखा कर मीडिया मोदी सरकार को बचा रहा है? देखिये वरिष्ठ वकील और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष दुष्यंत दवे के साथ वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास की ख़ास बातचीत।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि "यह एक बहुत गंभीर मुद्दा है कि आखिर सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना के मामलों में हस्तक्षेप क्यों किया है? उन्होंने कहा कि क्या सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए उसकी मदद करने के लिए ऐसा किया है?
किसान कानूनों में सुप्रीम कोर्ट ज़बरदस्ती दखलंदाज़ी कर रहा है? क्या कोर्ट ने किसान कानूनों पर मनमाने तरीके से स्टे लगाया है? सुप्रीम के जज क्या सरकार के आगे नतमस्तक हो गए हैं? देखिये वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास की ख़ास बातचीत देश के जाने माने वक़ील और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष दुष्यंत दावे के साथ।
आज कहीं आपातकाल नहीं लगा है फिर भी जम्मू-कश्मीर में संवैधानिक और मौलिक अधिकार निलंबित हैं। इससे बुरा यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने इन अधिकारों को लागू करने वाले संवैधानिक उपायों को भी छीन लिया है।