28 अप्रैल, 1976 को भारत के नागरिकों को सुप्रीम कोर्ट से सबसे बड़ा झटका लगा। इस दिन अतिरिक्त ज़िला मजिस्ट्रेट बनाम एस. एस. शुक्ला के मामले में सुप्रीम कोर्ट की पाँच सदस्यीय बेंच ने अपना फ़ैसला सुनाया। इस फ़ैसले ने संविधान, संवैधानिक नैतिकता और संविधानवाद को गहरे घाव दिए।