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साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के घर पहुंचे

केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के निमंत्रण पर पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक उनके घर बातचीत के लिए पहुंच गए हैं। कुछ ही दिन पहले इन्हीं मुद्दों पर चर्चा के लिए पहलवानों ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। अनुराग ठाकुर ने आज बुधवार को ट्वीट किया था कि सरकार पहलवानों के साथ उनके मुद्दों पर चर्चा करने को तैयार है। मैंने एक बार फिर पहलवानों को इसके लिए आमंत्रित किया है।

भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 7 महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। उसके विरोध में वो एक महीने से ज्यादा समय से आंदोलन चला रही थीं। अभी  कुछ ही दिन पहले इन्हीं मुद्दों पर चर्चा के लिए पहलवानों ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। उस समय ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली थी कि पहलवानों और सरकार के बीच कोई समझौता हो गया है।

इस घटनाक्रम से पहले आज सुबह पहलवान साक्षी मलिक ने एएनआई से कहा था कि हम अपने सीनियर्स और समर्थकों से बातचीत के बाद ही सरकार से मिलने का कार्यक्रम बनाएंगे। साक्षी ने भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग दोहराई है।
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पहलवानों ने पिछले शनिवार देर रात को गृह मंत्री अमित शाह से अचानक ही मुलाकात की थी। लेकिन उस बातचीत के बाद किसी तरह के समझौते की कोई बात सामने नहीं आई थी। लेकिन मीडिया में इस तरह की फर्जी खबरें फैलाई गईं कि पहलवानों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया है। उनमें मतभेद पैदा हो गए हैं। तब पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया ने इसका जबरदस्त खंडन किया और कहा कि हमने आंदोलन वापस नहीं लिया है। हमारा आंदोलन जारी है। 

प्रधानमंत्री मोदी 21 जून को अमेरिका की यात्रा पर जा रहे हैं। समझा जाता है कि वो अमेरिका जाने से पहले पहलवानों का मुद्दा खत्म करना चाहते हैं ताकि उनके जाने के बाद कोई बड़ा बवाल न हो। सरकार की इस पहल की पुष्टि अमित शाह से हुई मुलाकात और अब आज अनुराग ठाकुर के ट्वीट ने कर दी है।

पहलवान बजरंग पुनिया ने मंगलवार देर रात एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि सरकार ने प्रदर्शनकारी पहलवानों से कहा था कि अमित शाह से हुई मुलाकात के बारे में मीडिया को कुछ नहीं बताया जाए। लेकिन सबसे पहले मीडिया ने ही सरकारी सूत्रों के हवाले से खबरें फैलाईं कि पहलवानों की मुलाकात गृह मंत्री से हुई है। बजरंग पुनिया ने एनडीटीवी से कहा था कि हमारी गृह मंत्री या सरकार के साथ किसी भी तरह की मिलीभगत नहीं है। हमें अमित शाह ने सूचित किया था कि जांच चल रही है। पुनिया ने एनडीटीवी से कहा था कि हमने अपना आंदोलन वापस नहीं लिया है और हम आगे की रणनीति बना रहे हैं। बजरंग पुनिया ने कहा था कि पहलवान सरकार की प्रक्रिया से संतुष्ट नहीं हैं, न ही सरकार हमारी मांगों से सहमत हो रही है।

समझा जाता है कि बजरंग पुनिया का इंटरव्यू आने के बाद ही सरकार को फिर से बातचीत की पहल के लिए मजबूर होना पड़ा। सरकार यह भी जानती थी कि पिछली बार की गुप्त मुलाकात का गलत संदेश गया है और पहलवान इस चालाकी को समझ चुके हैं तो इस बार खेल मंत्री को ट्वीट कर पहलवानों को बातचीत के लिए बुलाना पड़ा। सरकार के पास इस तरह के इनपुट हैं कि चूंकि सभी पहलवान हरियाणा से हैं, इसलिए कम से कम भाजपा शासित हरियाणा में पार्टी को इसकी भारी कीमत चुकाना पड़ सकती है। इन्हीं सब बातों के मद्देनजर अब फिर से बातचीत की पहल की गई है।
दिल्ली पुलिस इस समय बृजभूषण शरण सिंह से जुड़े लोगों और भारतीय कुश्ती महासंघ के तीन लोगों से पूछताछ कर रही है। दिल्ली पुलिस की एक टीम कल गोंडा भी पहुंची थी। वहां से वो बयान और कुछ डेटा जमाकर करके लाई है। पिछले दो दिनों के घटनाक्रम बता रहे हैं कि दिल्ली पुलिस ने भाजपा सांसद बृजभूषण के आसपास घेरा कसना शुरू कर दिया है। सबसे बड़ा सवाल यही है कि सांसद की गिरफ्तारी कब होगी। हालांकि पॉक्सो एक्ट लगने के बाद यह गिरफ्तारी बहुत पहले ही हो जानी चाहिए थी।
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बहरहाल, भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को कहा था कि बीकेयू ने पहलवानों से अपना समर्थन वापस नहीं लिया है और पहलवानों के अनुरोध पर बृजभूषण के खिलाफ 9 जून के प्रदर्शन को स्थगित किया है। उन्होंने कहा, "हम लोग पहलवानों की अमित शाह के साथ हुई बैठक से अवगत थे और पहलवानों के साथ निकट संपर्क में थे। हमें किसी भी बड़े विरोध या प्रदर्शन से बचने के लिए कहा गया है।"

शुक्रवार को कुरुक्षेत्र में एक 'महापंचायत' में, टिकैत ने कहा था कि किसान संगठन भाजपा सांसद सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करेंगे। किसान नेता ने आंदोलन को तेज करने और विरोध करने वाले पहलवानों को दिल्ली के जंतर मंतर पर वापस लाने की धमकी भी दी। इसके लिए टिकैत ने 9 जून की तारीख घोषित की थी। लेकिन बाद में उस आह्वान को वापस ले लिया गया। इससे पहले पहलवानों ने जब हरिद्वार जाकर अपने मेडल गंगा में प्रवाहित करने चाहे थे तो राकेश टिकैत के भाई नरेश टिकैत ने वहां अचानक पहुंचकर पहलवानों को ऐसा करने से रोक दिया और पांच दिनों की मोहलत मांगी। इस घटनाक्रम से स्पष्ट है कि टिकैत भाइयों ने ही दोनों बार पहलवानों से समय मांगा। पहली बार पांच दिनों का और फिर कुरुक्षेत्र की पंचायत में 9 जून की समय सीमा तय की। लेकिन पहलवानों ने अब साफ कर दिया है कि उन लोगों से बिना पूछे कोई पंचायत नहीं की जाए और वे खुद इस मामले को डील करेंगे।

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क़मर वहीद नक़वी
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