जिन कृषि विधेयकों की मोदी सरकार और बीजेपी खुलकर हिमायत कर रही है, उन्हें इसे लेकर अपने मातृ संगठन यानी आरएसएस के किसान संगठन के विचार भी ज़रूर सुन लेने चाहिए। क्योंकि बीजेपी इस मसले पर न तो धूप और कोरोना महामारी के दौरान सड़कों पर बैठे किसानों की बात सुनने के लिए तैयार है और न ही अपनी सबसे पुरानी सहयोगी- शिरोमणि अकाली दल की।
कृषि विधेयक: आरएसएस से जुड़ा संगठन विरोध में, कहा- जटिल हो जाएगा किसानों का जीवन
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- 21 Sep, 2020
किसानों के अलावा आरएसएस का किसान संगठन यानी भारतीय किसान संघ (बीकेएस) भी इन कृषि विधेयकों को लेकर बेहद निराश है।

वह सिर्फ़ ख़ुद को सही मान रही है और जम्हूरियत में बातचीत का जो रास्ता है, उस पर भी आने के लिए तैयार नहीं है। कम से कम वह किसान संगठनों से बात कर उनके शक-सुबहों को दूर कर सकती है लेकिन शायद किसानों से बात करने की सोच उसे नागवार गुजर रही है।
किसानों के अलावा आरएसएस का किसान संगठन यानी भारतीय किसान संघ (बीकेएस) भी इन कृषि विधेयकों को लेकर बेहद निराश है। उसका साफ कहना है कि इनसे किसानों को बहुत ज़्यादा फायदा नहीं होगा और ये उनके जीवन को जटिल ही बनाएंगे।