प्रख्यात इतिहासकार और जेएनयू में प्रोफ़ेसर इमेरिटस रोमिला थापर ने कहा है कि जेएनयू प्रशासन द्वारा सीवी यानी जीवन परिचय एक ‘मक़सद’ से माँगा गया है और इसे भाँपना कोई मुश्किल काम नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रोफ़ेसर इमेरिटस से सीवी माँगे जाने की ज़रूरत ही नहीं होनी चाहिए। जेएनयू के प्रोफ़ेसरों ने भी प्रशासन की इस कार्रवाई को ‘राजनीति से प्रेरित’ बताया है। फ़ैकल्टी मेंबरों ने कहा है कि एक बार चुने जाने के बाद इस पद पर शिक्षक जीवन भर बना रहता है। बता दें कि रोमिला थापर जेएनयू प्रशासन के हाल के उसके काम करने के तरीक़े से असहमत रही हैं और मुखर होकर आवाज़ उठाती रही हैं। वह मोदी सरकार की नीतियों की भी आलोचक रही हैं।