प्रधानमंत्री के निर्देश पर भारतीय छात्रों को वापस लाने की व्यवस्था देखने गए मंत्रियों में से एक ज्योतिरादित्य सिंधिया की एक गतिविधि को लेकर विवाद हो गया है। इस गतिविधि का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से ट्रेंड हो रहा है। खासकर इस मामले को कांग्रेस नेता ज्यादा उछाल रहे हैं।
पीएम मोदी ने सिंधिया के अलावा हरदीप पुरी, जनरल (रिटायर्ड) वी.के. सिंह, किरण रिजिजू आदि को व्यवस्था देखने के लिए रोमानिया, हंगरी और पोलैंड भेजा। इन लोगों से कहा गया था कि वे बॉर्डर पर आ रहे भारतीय छात्रों को विभिन्न फ्लाइट्स से भारत भिजवाएं।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को रोमानिया बॉर्डर की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जो वीडियो सोशल मीडिया पर चल रहा है, उसमें रोमानियन मेयर और सिंधिया में बहस होते हुए देखा जा सकता है। भारतीय छात्रों के सामने सिंधिया बता रहे हैं कि मोदी सरकार ने उनके लिए क्या क्या व्यवस्था की है। इस पर रोमानियन मेयर कहते हैं कि आप उन चीजों का श्रेय नहीं लें जो आपने नहीं की हैं। सिंधिया उनसे कहते हैं कि मुझे तय करने दीजिए कि मुझे क्या बोलना है। इस पर मेयर सिंधिया से कहते हैं कि हम लोगों ने इन बच्चों के खाने-पीने का इंतजाम किया था। बहरहाल, सिंधिया फौरन वहां के मेयर के तेवर समझ जाते हैं और वो फिर छात्रों से मुखातिब होते हुए कहते हैं कि आप लोगों को एक-एक कर जाना है। साथ ही वो रोमानिया की सरकार का शुक्रिया भी अदा करते हैं।
जब रोमानिया के मेयर को सिंधिया जी को याद दिलाना पड़ा कि बच्चों के खाने और रहने का बंदोबस्त हमने किया है आपने नहीं...
— Srinivas BV (@srinivasiyc) March 3, 2022
आप अपनी बात कीजिए !!! pic.twitter.com/VeSskV9yw1
अभी यह साफ नहीं है कि यूक्रेन-रोमानिया बॉर्डर पर यह घटना हुई या फिर किसी अन्य शहर में दोनों के बीच यह बहस हुई। इस बीच केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने खुद कुछ फोटो ट्वीट करके रोमानिया सरकार का आभार जताया है। उन फोटोग्राफ में सिंधिया यूक्रेन और रोमानिया के लिए तमाम राहत सामग्री रोमानिया के अधिकारियों को सौंपते दिखाई दे रहे हैं।
Relief material for Romania and Ukraine handed over by Minister of Civil Aviation @JM_Scindia to Secretary of State, Interior Ministry of Romania. @MEAIndia pic.twitter.com/5shQ6BfBVB
— India in Romania (@eoiromania) March 3, 2022
कल स्मृति ईऱानी का भी ऐसा ही वीडियो नजर आया था। इससे पहले पीएमओ में मंत्री जितेन्द्र सिंह, प्रह्लाद जोशी आदि को मौका मिल चुका है। विदेश से लौटे छात्रों ने सरकार की इस गतिविधि पर आपत्ति भी जताई थी कि हम जिन हालात से आ रहे हैं, उसमें यह सब चोचलेबाजी लगती है।सोशल मीडिया पर लोगों ने इस वीडियो का संदर्भ लेते हुए केंद्र सरकार की धज्जियां उड़ाना शुरू कर दी हैं। लोगों ने लिखा है कि इतनी मुसीबत के मौके पर मोदी सरकार और उसके मंत्री पब्लिक रिलेशन (पीआर) बनाने में जुटे हैं ताकि उसका इस्तेमाल भारत में छवि चमकाने और यूपी चुनाव में उसका फायदा लिया जा सके। कुछ लोगों ने कहा कि लाखों रुपये खर्च करके जो बच्चे वहां पढ़ने गए हैं, वे रोमानिया या हंगरी या पोलैंड बॉर्डर से अपने पैसे से फ्लाइट से लौट भी सकते हैं। कुछ बच्चों ने तो आरोप लगाया ही था कि उनसे बॉर्डर पर पैसे मांगे गए थे।
कुछ लोगों ने लिखा है कि मोदी जिस तरह यूपी की चुनावी सभाओं में छात्रों की वापसी का डंका पीट रहे हैं, उसी से स्पष्ट है कि यह सारी कार्यवाही सिर्फ पीआर के लिए है। कीव और खारकीव में फंसे बच्चों के लिए इस सरकार ने कुछ नहीं किया।
वीडियो को लेकर कुछ लोगों ने लिखा है - यूक्रेन में फंसे हजारों छात्रों के दुख- दर्द , परेशानी , मुसीबत को भी मोदी/भाजपाई, गोदी मीडिया, अंधभक्तों ने पब्लिसिटी, स्टंटबाजी और मार्केटिंग का धंधा बना लिया है। कुछ लोगों ने सिंधिया पर निशाना साधा है। उनके लिए लिखा गया है कि ये इंसान हर जगह केवल अपनी बेइज्जती कराने जाता है , बिना काम का मंत्री।
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