घृणा-अपराध हत्या और मॉब लिंचिंग के लिए आजीवन कारावास से लेकर मौत की सजा तक हो सकती है। इसके प्रावधान क़ानून संशोधनों में प्रस्तावित हैं। इसके अलावा इसमें आतंकवाद की परिभाषा में भी बदलाव किया गया है।