घृणा-अपराध हत्या और मॉब लिंचिंग के लिए आजीवन कारावास से लेकर मौत की सजा तक हो सकती है। इसके प्रावधान क़ानून संशोधनों में प्रस्तावित हैं। इसके अलावा इसमें आतंकवाद की परिभाषा में भी बदलाव किया गया है।
संशोधित विधेयक: जानें, घृणा-अपराध हत्या, मॉब लिंचिंग के लिए क्या सजा
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- 13 Dec, 2023
अपराध से जुड़े क़ानूनों में बदलाव के लिए लाए जा रहे तीनों विधेयकों में संशोधन किया गया है। जानिए घृणा-अपराध हत्या, मॉब लिंचिंग के मामलों में अब क्या प्रावधान हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी, 1860; दंड प्रक्रिया संहिता, 1973; और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 को बदलने के लिए लोकसभा में तीन आपराधिक कानून विधेयकों के संशोधित संस्करण मंलगवार को पेश किए हैं।