तीन नए आपराधिक कानून में तमाम कमियां अभी से नजर आने लगी हैं। नए बीएनएसएस कानून में नई व्यवस्था के तहत दर्ज होने वाली एफआईआर और आरोपी की सुनवाई से संबंधित निर्देश तो सुप्रीम कोर्ट के सामने हवा में उड़ जाएंगे। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने तो अलग निर्देश दे रखे हैं जो नई व्यवस्था के ठीक विपरीत हैं। जानिएः
अपराध से जुड़े क़ानूनों में बदलाव के लिए लाए जा रहे तीनों विधेयकों में संशोधन किया गया है। जानिए घृणा-अपराध हत्या, मॉब लिंचिंग के मामलों में अब क्या प्रावधान हैं।
जिन क़ानूनों को सुप्रीम कोर्ट पाँच साल पहले ही अवैध घोषित कर चुका है क्या उसको फिर से लागू करने की तैयारी है? यदि ऐसा तो क्या समाज को पीछे धकेलने जैसा नहीं होगा?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने बुधवार को दावा किया है कि राजद्रोह कानून के प्रावधानों को हटाने के नाम पर गृह मंत्रालय प्रस्तावित भारतीय न्याय संहिता में और भी गंभीर एवं मनमाने कदम उठाने जा रहा है।