एक अमेरिकी फोरेंसिक फर्म की एक नई रिपोर्ट से पता चलता है कि एक्टिविस्ट स्टैन स्वामी के कंप्यूटर में कथित तौर पर कई आपत्तिजनक दस्तावेज डाले गए थे। स्टैन स्वामी अब दुनिया में नहीं हैं। उन्हें 2020 में कथित आतंकी लिंक के लिए गिरफ्तार किया गया था। 84 वर्षीय स्टैन स्वामी ने महीनों तक अदालतों में अपनी बेगुनाही का दावा किया और चिकित्सा देखभाल की गुहार लगाई, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया। क़रीब आठ महीने बाद जुलाई 2021 में हिरासत में ही अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी।
स्टैन स्वामी के लैपटॉप में हैकर ने डाले थे दस्तावेज: अमेरिकी रिपोर्ट
- देश
- |
- |
- 13 Dec, 2022
आदिवासियों के लिए काम करने वाले एक्टिविस्ट स्टैन स्वामी पर आतंकवादियों से लिंक रखने का आरोप किस आधार पर लगाया गया था? क्या उनके ख़िलाफ़ साज़िश रची गई थी? जानिए, अमेरिकी रिपोर्ट में क्या दावा किया गया है।

अमेरिका का प्रतिष्ठित अख़बार वाशिंगटन पोस्ट ने ख़बर दी है, "अब मैसाचुसेट्स स्थित डिजिटल फोरेंसिक फर्म, आर्सेनल कंसल्टिंग ने उनके कंप्यूटर की एक इलेक्ट्रॉनिक कॉपी की जाँच की है। कंपनी की नई रिपोर्ट के अनुसार, इसका निष्कर्ष है कि एक हैकर ने उनके डिवाइस में घुसपैठ की और साक्ष्य प्लांट किए। डिफेंस टीम का कहना है कि विश्लेषण इस बात का अधिक प्रमाण है कि स्वामी और उनके सह-आरोपियों को एक ऐसे मामले में फंसाया गया था, जो नागरिक समाज और प्रमुख आलोचकों के खिलाफ भारत सरकार की कार्रवाई की मिसाल है।'