ओमिक्रॉन वैरिएंट के ख़तरे को लेकर नियमित विदेशी उड़ानों पर सरकार ने आख़िरकार स्पष्ट फ़ैसला ले ही लिया। निर्धारित अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक उड़ानों पर निलंबन 31 जनवरी तक बढ़ा दिया गया है। इससे पहले अंतरराष्ट्रीय उड़ानें 15 दिसंबर से फिर से शुरू होने वाली थीं लेकिन इसी बीच ओमिक्रॉन वैरिएंट के दुनिया भर में फैलने के बाद इस फ़ैसले को टाल दिया गया था और कहा गया था कि इस पर पक्के तौर पर फ़ैसला बाद में लिया जाएगा।
सरकार का यह फ़ैसला ऐसे समय में आया है जब कई देशों ने नए ओमिक्रॉन वैरिएंट के फैलने के साथ अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को फिर से शुरू करने की अपनी योजनाओं को रोक दिया है।
नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के निलंबन को आगे बढ़ाते हुए विमानन नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय यानी डीजीसीए ने कहा है कि यह प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय ऑल-कार्गो संचालन और विशेष रूप से इसके द्वारा अनुमोदित उड़ान पर लागू नहीं होगा।
इसने आगे यह भी कहा है कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को केस के आधार पर चुने गए मार्गों पर अनुमति दी जा सकती है।
बता दें कि कोरोना के ख़तरे को कम होता देख नवंबर के आख़िरी हफ़्ते में सरकार ने नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को बहाल करने का फ़ैसला ले लिया था। 26 नवंबर को नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा था कि मामले की समीक्षा की गई है और इसी को देखते हुए सक्षम प्राधिकारी ने ऐसी उड़ानों को फिर से शुरू करने का फ़ैसला किया है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि निर्धारित वाणिज्यिक अंतरराष्ट्रीय यात्री सेवाओं को लेकर गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के परामर्श से इसकी पड़ताल की गई है और इसके बाद इस पर निर्णय लिया गया है।
इससे पहले अक्टूबर में भारत ने पूरी तरह से टीका लगाए हुए विदेशी पर्यटकों के लिए अपनी सीमाएं खोलने की घोषणा की थी। तब जो लोग निर्धारित वाणिज्यिक उड़ानों से भारत आना चाहते थे, उन्हें 15 नवंबर तक इंतज़ार करने के लिए कहा गया था।
दिल्ली हवाई अड्डे पर 20 समर्पित काउंटर
दिल्ली हवाई अड्डे के अधिकारियों ने 'जोखिम वाले' देशों से आने वाले यात्रियों के लिए 20 समर्पित काउंटर स्थापित किए हैं और उनके लिए कोरोना जाँच अनिवार्य किया है। सरकार का यह फ़ैसला तब आया जब कई यात्रियों ने नए यात्रा दिशा-निर्देशों के लागू होने के बाद टर्मिनल पर भीड़ की शिकायत की।
ओमिक्रॉन ख़तरे के बीच पिछले सप्ताह जारी स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार, जोखिम वाले देशों से आने वाले सभी यात्रियों को अनिवार्य रूप से पीसीआर टेस्ट से गुजरना होगा और अन्य देशों से आने वाले पाँच प्रतिशत यात्रियों को भी रैंडम आधार पर टेस्ट से गुजरना होगा।
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