भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने इस्तीफ़ा दे दिया है। हालांकि उन्होंने कहा कि उन्होंने निजी कारणों से अपने पद से हटने का फ़ैसला किया है, पर समझा जाता है कि केंद्रीय बैंक और केंद्र सरकार के बीच चल रही तनातनी की वजह से यह निर्णय किया गया है। पटेल के इस्तीफ़े की घोषणा ऐसे समय हुई है जब पाँच विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के कुछ ही घंटे बचे हैं। इसके अलावा आम चुनाव भी कुछ महीनोें बाद ही होने हैं। इसका राजनीतिक असर पड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। बोर्ड बैठक के पहले इस्तीफ़ा
महत्वपूर्ण बात यह है कि उर्जित पटेल का इस्तीफ़ा 14 दिसंबर को होने वाली रिज़र्व बैंक के बोर्ड की बैठक के ठीक पहले आया है। यह बैठक इसलिए अहम है कि इसमें बैंक के सरप्लस रिज़र्व समेत कई ऐसे मुद्दों पर फ़ैसला होना था, जिन पर पटेल और सरकार के बीच पहले से गहरे मतभेद थे और तनातनी थी। पटेल ने इन्हीं मुद्दों की वजह से इस्तीफ़ा दिया है, यह कयास भी लगाया जा रहा है। पटेल का बयान
हालाँकि पटेल ने अपने इस्तीफ़े में किसी विवादास्पद मुद्दे या तनातनी की बात कोई चर्चा नहीं की है। उन्होंने अपने बयान में कहा है, 'निजी कारणों से मैनें अपने मौजूदा पद से हटने का फ़ैसला किया है। रिज़र्व बैंक में विभिन्न पदों पर कई सालों तक काम करने का सम्मान मुझे प्राप्त हुआ। रिज़र्व बैंक के कर्मचारियों की कड़ी मेहनत की वजह से हाल के सालों में केंद्रीय बैंक में अच्छा कामकाज हुआ है। मैं इस अवसर पर सभी सहयोगियों और निदेशक मंडल के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं।'
रिज़र्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने दिया इस्तीफ़ा
- अर्थतंत्र
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- 10 Dec, 2018
रिज़र्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने इस्तीफ़ा दे दिया है। हालांकि उन्होंने इसकी वजह निजी बताई है, पर समझा जाता है कि सरकार के साथ तनातनी मुख्य कारण है।
