नये क़िस्म के कोरोना संक्रमण की चिंताओं के बीच अगले साल फ़रवरी तक सीबीएसई की कोई भी परीक्षा नहीं होगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने इसकी घोषणा की है। उन्होंने यह कहते हुए ऑनलाइन शिक्षा के विकल्प को खारिज कर दिया कि कई स्कूल ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। वह शिक्षकों के साथ आज शाम वेबिनार में लाइव चर्चा के दौरान बोल रहे थे।
वेबिनार में पोखरियाल ने कहा, 'हम फ़रवरी 2021 तक सीबीएसई बोर्ड परीक्षा नहीं करा पाएँगे।' एक शिक्षक के इस सवाल पर कि क्या बोर्ड परीक्षाओं को स्थगित किया जा सकता है, मंत्री ने कहा, 'हम कोरोना को छात्रों को प्रभावित करने नहीं दे सकते हैं और उन छात्रों को कोरोना-युग के छात्रों के रूप में लेबल नहीं चिपका सकते हैं कि उन्होंने बिना किसी परीक्षा के कक्षाएँ पास की हैं।'
उन्होंने यह भी कहा कि हमने इस वर्ष जेईई, एनईईटी (नीट) परीक्षा का आयोजन किया है। यह कोरोना महामारी के बीच आयोजित सबसे बड़ी परीक्षा में से एक थी।
बता दें कि मार्च महीने में कोरोना संक्रमण के फैलने के बाद से ही स्कूल बंद हैं और परीक्षाओं को लेकर तरह-तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि बिना पढ़ाई के छात्रों की परीक्षा किस आधार पर ली जाएगी। इससे भी बड़ा सवाल यह है कि जिस तरह से कोरोना का नये सिरे से खौफ है उसमें परीक्षा किस तरह आयोजित की जा सकेगी।
आगामी बोर्ड परीक्षा पर एक सवाल के जवाब में निशंक ने यह भी कहा कि इंटर्नल एग्ज़ाम के लिए टीम का गठन किया जाएगा।
निशंक ने कहा कि सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएँ कम किए गए सिलेबस पर आयोजित की जाएँगी।
निशंक ने कहा कि 30 फ़ीसदी सिलेबस को कम कर दिया गया है और कई राज्यों ने भी ऐसी ही घोषणा की है। उनके अनुसार बाक़ी राज्य भी ऐसी ही घोषणा करने के पक्ष में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि परीक्षा में 33 प्रतिशत इंटर्नल के विकल्प भी होंगे।
बता दें कि वैक्सीन आ जाने के बाद भी नये क़िस्म के कोरोना संक्रमण के कारण नये सिरे से दुनिया भर में खौफ फैला है। ब्रिटेन सहित कई देशों में नए क़िस्म के कोरोना के ख़ौफ़ के बीच केंद्र सरकार ने ब्रिटेन की उड़ानों पर 31 दिसंबर तक रोक लगा दी है। दुनिया के कई देशों ने ब्रटेन की उड़ानों पर रोक लगाई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने लोगों को आश्वासन दिया है कि स्थिति नियंत्रण में है और घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह से सतर्क है।
महाराष्ट्र सरकार ने तो रात का कर्फ्यू लगाया है। यह कर्फ्यू रात 11 बजे से सुबह छह बजे तक 5 जनवरी तक लागू रहेगा।
महाराष्ट्र सरकार ने जो ताज़ा फ़ैसला लिया है वह ब्रिटेन में कोरोना के नये क़िस्म (न्यू स्ट्रेन) के 'बेकाबू' होने की ख़बर के बाद लिया गया है। ब्रिटेन के अलावा अन्य यूरोपीय देशों के यात्रियों, या मध्य पूर्व के देशों के किसी यात्री को भी 14-दिवसीय संस्थागत क्वॉरंटीन के लिए भेजा जाएगा। बाक़ी लोगों को भी इतने ही दिनों के लिए होम क्वॉरंटीन के नियमों का पालन करना होगा। राज्य सरकार का यह फ़ैसला सोमवार देर शाम को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा इस मुद्दे पर ली गई बैठक में लिया गया।
ये फ़ैसले दरअसल इसलिए लिए जा रहे हैं क्योंकि ब्रिटेन में नये क़िस्म का कोरोना अब 'बेकाबू' हो गया है। ब्रिटेन के अधिकारियों ने ही यह कहा है कि यह 'बेकाबू' है। रविवार से ही ब्रिटेन में नये सिरे से सख़्त लॉकडाउन लगाया गया है।
ऐसा तब है जब ब्रिटेन में वैक्सीन लगाने का अभियान चलाया जा रहा है। ब्रिटेन में नये क़िस्म का कोरोना कितना ख़तरनाक है, इसका अंदाजा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की चिंता से लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा है कि कोरोना का यह नया रूप पहले वाले से 70 फ़ीसदी अधिक तेज़ी से फैलता है। इस हिसाब से यह पहले से कहीं ज़्यादा ख़तरनाक साबित हो सकता है।
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