ऐसे वक़्त में जब पूरा विश्व कोरोना संकट से जूझ रहा है, अगर रामदेव ने सचमुच महामारी की दवा खोज ली होती तो यह हमारे देश के लिए कितने बड़े गर्व की बात होती! हम सब बढ़-चढ़कर उसका ढिंढोरा पीटते, बल्कि प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति उसे लाँच करने के लिए आगे आते, उसको इतना प्रचारित करते कि दुनिया भर में भारत का डंका बजने लगता। पूरा विश्व खड़े होकर तालियाँ बजाकर वाह-वाह करता। आयुर्वेद का तो झंडा बुलंद हो जाता।