अयोध्या में बाबरी मसजिद 6 दिसंबर 1992 को गिरा दी गई थी। नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए 2.77 एकड़ जमीन राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट को सौंपने का निर्देश दिया। केंद्र सरकार ने ट्रस्ट बना दिया और उसके बाद राम मंदिर निर्माण शुरू हो गया। मंदिर का एक हिस्सा बनकर तैयार है। 22 जनवरी 2024 को यहां प्राण प्रतिष्ठा होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे। इस दौरान दो शंकराचार्यों ने खुलकर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का राजनीतिकरण करने का विरोध कर दिया। विपक्ष ने भी कार्यक्रम को लेकर शुरू हुई राजनीति का विरोध किया। इन्हीं सब विवादों के बीच सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने एक कथित गूगल मैप शेयर दावा कर दिया कि राम मंदिर का निर्माण बाबरी वाली जगह से तीन किलोमीटर दूर हो रहा है।
अपनी जगह पर ही बन रहा राम मंदिर, महंत राजू दास और फैक्ट चेक से हुई पुष्टि
- देश
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- 29 Mar, 2025
एक फर्जी खबर कि अयोध्या में राम मंदिर मूल जगह से तीन किलोमीटर दूर बन रहा है, सोशल मीडिया पर पिछले एक सप्ताह से वायरल है। यहां तक कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत तक ने इस खबर के आधार पर तमाम सवाल उठा दिए। लेकिन फैक्ट चेकिंग की वेबसाइट ऑल्ट न्यूज ने जांच करके बताया है कि मंदिर उसी जगह बन रही है, जहां बाबरी मसजिद गिराई गई थी। हनुमानगढ़ी अयोध्या के महंत राजू दास ने भी मंगलवार को कहा कि राम मंदिर उसी जगह बन रहा, जहां मसजिद थी। जानिए पूरी बातः
