loader

चीन विवाद पर पहला राजनैतिक बयान, रक्षा मंत्री बोले- सैनिक, राजनयिक वार्ता जारी

पिछले कई हफ़्तों से जारी भारत-चीन सीमा विवाद पर भारत की ओर से सार्वजनिक तौर पर पहला राजनैतिक बयान आया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि लद्दाख में लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी पर विवाद को ख़त्म करने के लिए सैनिक और राजनयिक स्तर पर भारत और चीन के बीच प्रयास जारी है। उन्होंने कहा कि भारत अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध चाहता है। वह एक टीवी इंटरव्यू में बोल रहे थे। 

इससे पहले चीन के साथ सीमा विवाद पर राजनयिक स्तर पर बयान आया था कि भारत और चीन दोनों देश आपसी बातचीत से विवाद को निपटाना चाहते हैं। ऐसी ही प्रतिक्रिया चीन की तरफ़ से भी आई थी। 

ताज़ा ख़बरें
यह तब हुआ था जब ट्रंप ने भारत और चीन के बीच मध्यस्थता का प्रस्ताव रखा था और फिर बाद में कहा था कि उन्होंने 'प्रधानमंत्री मोदी से बात की थी उनका मूड ठीक नहीं है'। हालाँकि तब भी भारत की तरफ़ से सीधे राजनैतिक स्तर पर कोई बयान जारी नहीं किया गया था। सूत्रों के हवाले से कहा गया, 'पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प के बीच हाल ही में कोई संपर्क नहीं हुआ है। उनके बीच आख़िरी बातचीत 4 अप्रैल, 2020 को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के विषय पर हुई थी।'

वैसे, भारत-चीन सीमा विवाद काफ़ी पेचीदा मामला है। भारत की नीति पहले से ही रही है कि वह दो देशों के बीच विवाद पर किसी तीसरे देश की मध्यस्थता का पक्षधर नहीं रहा है। इसलिए चीन के साथ सीमा विवाद के मामले में भी ऐसा ही हुआ। ट्रंप ने जब दो दिन पहले यानी बुधवार को ट्वीट कर मध्यस्थता का प्रस्ताव दिया था तब भारत सरकार ने उसे खारिज कर दिया था

लेकिन अब राजनैतिक स्तर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बयान आया है। उन्होंने शनिवार को 'आजतक' के एक कार्यक्रम में कहा, 'भारत भी कोशिश कर रहा है कि किसी भी स्थिति में तनाव न बढ़े। यदि इसे सैन्य स्तर पर चर्चा करने की आवश्यकता है तो सैन्य स्तर पर बातचीत के माध्यम से; अगर इसे राजनयिक स्तर पर चर्चा करने की आवश्यकता है तो राजनयिक स्तर पर बातचीत के माध्यम से... स्थिति को हल किया जाना चाहिए।' सिंह ने यह भी कहा कि यह वार्ता दोनों स्तर पर जारी है और चीन ने भी इसके समाधान के प्रति उत्सुकता दिखाई है। 

उन्होंने कहा, 'कभी-कभी कुछ परिस्थितियाँ चीन के मामले में ऐसी होती रही हैं, और पहले भी हुई हैं। हाल ही में मई में एलएसी पर कुछ परिस्थितियाँ ऐसी हुई हैं, लेकिन इसे हल करने की प्रक्रिया जारी है।'

देश से और ख़बरें

भारत और चीन के बीच मध्यस्थता के अमेरिका की पेशकश पर राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्रालय से बातचीत की है और उन्हें बता दिया है कि भारत और चीन बातचीत से इस स्थिति से निपट लेंगे।

चीन के साथ भारत का यह विवाद नेपाल के साथ उपजे विवाद के बाद आया है। नेपाल के साथ विवाद को लेकर एक सवाल के जवाब में राजनाथ सिंह ने उम्मीद जताई कि यह भी बातचीत के माध्यम से हल हो जाएगा। उन्होंने कहा, 'नेपाल परिवार की तरह है, भारत और नेपाल भाई की तरह हैं। सब नियंत्रण में है। अगर कोई समस्या है तो हम एक साथ बैठेंगे और इस पर चर्चा करेंगे।'

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें