रजनीकांत ने 1975 में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी और वे तमिल पर्दे पर आते ही छा गए थे। रजनीकांत कुछ ही सालों में सुपरस्टार बन गये थे। लोकप्रियता के मामले में रजनी ने बड़े-बड़े कलाकारों को पछाड़ दिया था। रजनी की अदाकारी का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोलने लगा था। बड़ी बात यह रही कि विधानसभा चुनावों में रजनी ने जिस पार्टी का समर्थन किया वह पार्टी सत्ता में आई। लेकिन रजनी परोक्ष राजनीति से हमेशा दूर रहे।
रजनीकांत के चाहने वाले उन पर राजनीति में सक्रिय होने का दबाव बनाते रहे हैं। बीते साल सितंबर महीने में तमिलनाडु के कई शहरों और गाँवों में उनके चाहने वालों ने 'अभी नहीं तो कभी नहीं' वाले पोस्टर लगाकर यह जताने की कोशिश की कि तमिल फ़िल्मों के सुपरस्टार के लिए समय हाथ से निकलता जा रहा है।
लेकिन बीते साल दिसंबर में रजनीकांत ने कहा था कि वह राजनीतिक पार्टी लॉन्च नहीं करेंगे। उन्होंने इसके पीछे ख़राब स्वास्थ्य का हवाला दिया था। जबकि इससे कुछ दिन पहले ही उन्होंने अपने राजनीतिक दल की घोषणा करने का एलान किया था और कहा था कि वे जनवरी में इसे लॉन्च करेंगे।
लोगों के दिलों पर राज करने वाले इस अभिनेता ने कहा था कि वह नहीं चाहते कि जो लोग उन पर भरोसा करते हैं उन्हें ऐसा लगे कि उन्हें बलि का बकरा बनाया गया।
अपनी राय बतायें