पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पत्र के जवाब में पत्र लिखा, यह अपने आप में उल्लेखनीय बात है लेकिन 23 मार्च के पत्र का जवाब देने में उन्हें एक हफ्ता लग गया, यह भी विचारणीय तथ्य है। इससे भी बड़ी बात यह कि पाकिस्तान के स्थापना दिवस पर मोदी ने इमरान को बधाई दी। मोदी को शायद पता होगा कि 23 मार्च 1940 को मुसलिम लीग ने पाकिस्तान की स्थापना का प्रस्ताव पारित किया था और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, हिंदू महासभा और कांग्रेस ने इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया था। अब मोदी ने इसी दिन पर इमरान को बधाई देकर पाकिस्तान के निर्माण और भारत-विभाजन को औपचारिक मान्यता दे दी।
हमारा विदेश मंत्रालय ख़ुद पहल करने के काबिल नहीं!
- विचार
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- 1 Apr, 2021

दुर्भाग्य यही है कि अफ़ग़ानिस्तान के मामले में भारत फिसड्डी बना हुआ है। हमारा विदेश मंत्रालय ख़ुद पहल करने के काबिल नहीं है। इसीलिए दूसरों के मेलों में जाकर वह बीन बजाता रहता है, जैसा कि कल उसने ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में जाकर किया है।