लखीमपुर मामले में राहुल गांधी ने कहा है कि किसानों पर सुनियोजित हमला किया जा रहा है, उनकी हत्या की जा रही है। उन्होंने इसके लिए सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया। इस घटना के बाद के सरकारी रवैये का ज़िक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि 'पहले लोकतंत्र हुआ करता था। आज यहाँ डिक्टेटरशिप है'।
राहुल गांधी बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। उनकी यह प्रेस कॉन्फ़्रेंस तब हुई है जब सरकार ने राहुल गांधी को यूपी में लखीमपुर खीरी जाने की अनुमति नहीं दी है। वह उन पीड़ित किसान परिवारों से मिलना चाह रहे हैं जो किसान कार से रौंदे जाने के कारण मारे गए हैं।
राहुल ने कहा, 'आज हम दो मुख्यमंत्रियों के साथ लखीमपुर जाने की कोशिश करेंगे। हम तीन जा रहे हैं। चूँकि धारा 144 के तहत तीन लोगों को जाने की अनुमति है, इसलिए हम वहाँ जाने की योजना बना रहे हैं। हम वहाँ जाकर लोगों का समर्थन करना चाहते हैं।'
इसके साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि 'क्यों सिर्फ़ हमें ही रोका जा रहा है'? वह उन कुछ नेताओं का हवाला दे रहे थे जिनमें कई नेता लखीमपुर पहुँचे हैं और पीड़ित परिवारों से मुलाक़ात की है। कांग्रेस ने यूपी सरकार को लिखे ख़त में भी कहा है कि बिना किसी कारण बताए प्रियंका गांधी वाड्रा को तो हिरासत में लिया गया है जबकि उत्तर प्रदेश और बंगाल के भी दूसरे राजनीतिक दलों के नेताओं को वहाँ जाने की अनुमति दी गई है। बता दें कि योगी सरकार पहले कह चुकी है कि राजनीतिक दलों के नेताओं को वहाँ नहीं जाने दिया जाएगा।
प्रियंका गांधी को हिरासत में लिए जाने के बारे में पूछे जाने पर राहुल ने कहा, 'हाँ, प्रियंका को सलाखों के पीछे डाल दिया गया है, लेकिन यह किसानों के बारे में है।' उन्होंने कहा कि वह केवल किसानों के मुद्दे पर सवालों का जवाब देंगे और कुछ नहीं। उन्होंने आगे कहा कि वे मैनहैंडलिंग से प्रभावित नहीं हैं। राहुल ने कहा-
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आज भारत में तानाशाही है। राजनेता उत्तर प्रदेश में नहीं जा सकता। कल से हमें कहा जा रहा है कि हम नहीं जा सकते हैं। छत्तीसगढ़ के सीएम को नहीं मिलने दे रहे हैं। क्यों? क्योंकि भयंकर चोरी हो रही है।
राहुल गांधी
कांग्रेस नेता ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि किसानों को जीप से कुचला जा रहा है, उनकी हत्या की जा रही है, इस घटना में एक केंद्रीय मंत्री और उनके बेटे का नाम सामने आया है।
लखीमपुर खीरी में रविवार को 8 लोग मारे गए थे। इसमें से चार किसान थे और किसानों का आरोप है कि केंद्रीय मंत्री के बेटे ने उन्हें कार से कुचला। बाक़ी के चार लोग हिंसा में मारे गए। लेकिन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी इससे इनकार करते रहे हैं कि उनके बेटे मोनू ने किसी को कुचला है। उन्होंने तो यहाँ तक दावा किया है कि उनका बेटा घटनास्थल पर था ही नहीं।
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