लखीमपुर खीरी मामले में जांच के लिए बनी एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत पार्टी के कई सांसदों ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को कैबिनेट से बर्खास्त किए जाने की मांग को लेकर बुधवार को लोकसभा में स्थगन नोटिस दिया।
एसआईटी ने कहा है कि यह घटना किसानों की हत्या करने की सोची-समझी साजिश थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की फटकार, किसानों और विपक्ष के दबाव के बाद मामले के मुख्य अभियुक्त टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया था। लेकिन टेनी की बर्खास्तगी की मांग को लेकर विपक्ष अड़ा हुआ है। किसानों ने भी इस मांग को जोरदार ढंग से उठाया है।
वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने नोटिस में कहा है कि एसआईटी की रिपोर्ट साफ बताती है कि यह सोची-समझी साज़िश थी और अब सरकार को अजय मिश्रा टेनी को तुरंत बर्खास्त करना चाहिए और पीड़ितों के परिवार को इंसाफ़ देना चाहिए। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी इस मामले में स्थगन नोटिस दिया है।
इस मुद्दे पर लोकसभा में हंगामा भी हुआ है और सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा है। राहुल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार इस मामले में सदन में चर्चा नहीं होने दे रही है। उन्होंने कहा कि टेनी को तुरंत पद से हटाया जाना चाहिए।
एसआईटी की यह रिपोर्ट बीजेपी के लिए खासी मुसीबत का कारण बन सकती है क्योंकि अजय मिश्रा टेनी कई बार कह चुके हैं कि अगर यह बात साबित हो गई कि उनका बेटा घटनास्थल पर मौजूद था तो वे अपने पद से इस्तीफ़ा दे देंगे। आशीष मिश्रा पर आरोप है कि उन्होंने अपनी कार से किसानों को रौंद दिया।
टेनी की क्या थी भूमिका?
एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया है। प्रियंका ने कहा है, “न्यायालय की फटकार व सत्याग्रह के चलते अब पुलिस का भी कहना है कि गृह राज्यमंत्री के बेटे ने साज़िश करके किसानों को कुचला था। जांच होनी चाहिए कि इस साज़िश में गृह राज्यमंत्री की क्या भूमिका थी? लेकिन मोदी जी किसान विरोधी मानसिकता के चलते आपने तो उन्हें पद से भी नहीं हटाया है।” कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर बीजेपी के ख़िलाफ़ हल्ला बोल दिया था और योगी सरकार बुरी तरह घिर गई थी।
लखीमपुर खीरी की घटना में किसानों को गाड़ियों से रौंद दिया गया था। घटना में कुल 8 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें से 4 किसान भी हैं। किसानों के साथ ही बीजेपी के तीन कार्यकर्ताओं शुभम मिश्रा, श्याम सुंदर निषाद और हरि ओम मिश्रा की भी भीड़ ने जान ले ली थी। एक पत्रकार की भी मौत इस घटना में हुई थी।
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