सुल्तानपुर की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को 2018 के मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को जमानत दे दी। कांग्रेस का आरोप है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा रोकने के लिए तमाम तरह के तरीके अपनाए जा रहे हैं। कांग्रेस के मुताबिक मानहानि के इस केस में राहुल गांधी को खुद पेश होने के लिए 26 घंटे पहले नोटिस दिया गया था। राहुल ने मंगलवार को भारत जोड़ो न्याय यात्रा रोक कर कोर्ट पहुंचे।
Rahul Gandhi Ji appeared in a session court of Sultanpur in a defamation case of 2018.
— Shantanu (@shaandelhite) February 20, 2024
He was served with notice just 26 hours before, still he went to court by halting the Bharat Jodo Nyay Yatra.
BJP is constantly using these cheap tactics to disturb the Yatra, But he is the… pic.twitter.com/Lsfzld040V
4 अगस्त, 2018 को विजय मिश्रा ने इस संबंध में याचिका दायर की थी। कर्नाटक चुनावों के दौरान 8 मई 2018 को बेंगलुरु में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गांधी ने कथित तौर पर गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ की टिप्पणियां की थीं। उन्हीं टिप्पणियों को आधार बनाकर भाजपा से जुड़े विजय मिश्रा ने मानहानि केस सुल्तानपुर जिला अदालत में दायर किया था।
शिकायतकर्ता विजय मिश्रा ने राहुल गांधी के बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भाजपा ईमानदार और स्वच्छ राजनीति के प्रति प्रतिबद्धता जताती है, लेकिन इसका नेतृत्व एक पार्टी अध्यक्ष कर रहा है जो हत्या के मामले में "अभियुक्त" है। गांधी की टिप्पणी के समय, अमित शाह भाजपा अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे।
वकील संतोष पांडे ने संवाददाताओं से दावा किया, ''उन्होंने (राहुल गांधी) आज (20 फरवरी) अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। अदालत ने उन्हें 30-45 मिनट के लिए हिरासत में ले लिया। उसके बाद, उनकी जमानत याचिका दायर की गई और (अदालत द्वारा) स्वीकार कर ली गई... आगे की तारीख अभी नहीं दी गई है। उनके वकील ने कहा कि वह निर्दोष हैं और उन्होंने कोई मानहानि वाला बयान नहीं दिया है।''
हालाँकि, गांधी की टिप्पणी से लगभग चार साल पहले, मुंबई की एक विशेष सीबीआई अदालत ने 2005 के फर्जी मुठभेड़ मामले में अमित शाह को आरोपों से मुक्त कर दिया था। यह फैसला शाह के गुजरात में गृह राज्य मंत्री रहने के दौरान हुआ था। राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा की प्रतिबद्धताओं के कारण 18 जनवरी को विशेष एमपी-एमएलए अदालत में पिछली सुनवाई में शामिल नहीं हो पाए थे।
शिकायतकर्ता विजय मिश्रा ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, "भाजपा देश की सबसे बड़ी पार्टी है। इसके (तत्कालीन) अध्यक्ष को हत्यारा कहना अनुचित है। हमने इसीलिए मानहानि का केस किया था।"
वकील पांडे ने बताया कि “4 अगस्त 2018 को यह मुकदमा एमपी-एमएलए कोर्ट सुल्तानपुर के जिला एवं सत्र न्यायालय में दायर किया गया था। जिस पर एमपी एमएलए कोर्ट सुल्तानपुर के जज योगेश कुमार यादव ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 16 दिसंबर को तलब किया था। उसके बाद इसमें तारीख लगती हुई।"
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