2007 : यूपीए सरकार ने भारतीय वायु सेना की माँग पर 126 लड़ाकू हवाई जहाज़ खरीदने से जुड़ी निविदाएं जारी कीं।
2014 : दसॉ और एचएएल ने एक समझौते पर दस्तख़त किए। बातचीत पूरी हो गई, पर अंतिम क़रार नहीं हुआ था।
जून 2015 : रक्षा मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर 126 लड़ाकू विमान खरीदने की निविदा वापस ले ली।
अप्रैल 2015 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पेरिस के दौरे पर गए और वहीं 36 राफ़ेल विमान खरीदने का एलान कर दिया।
जनवरी 2016 : तत्कालीन फ़्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद गणतंत्र दिवस पर भारत आए, राफ़ेल विमान खरीदने के मुद्दे पर भारत और फ्रांस के बीच सहमति पत्र पर दस्तख़त हुए।
14 दिसंबर, 2018 : राफेल लड़ाकू विमान खरीद मामले में कोर्ट की देखरेख में जाँच कराने की माँग की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि लड़ाकू जहाज़ की कीमत तय करना उसका काम नहीं है।
मई, 2019 : सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और मशहूर वकील प्रशांत भूषण की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई पूरी कर फ़ैसला सुरक्षित रखा।
अक्टूबर, 2019 : भारत को पहला राफ़ेल विमान मिला। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फ्रांस में एक कार्यक्रम में इसे स्वीकार किया।
नवंबर, 2019 : सुप्रीम कोर्ट ने तमाम पुनर्विचार याचिकाएं खारिज कर दीं।
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