आपने पढ़ा होगा कि जेएनयू में कन्हैया और 9 अन्य के ख़िलाफ़ धारा 124 (क) के तहत देशद्रोह का मामला दायर किया गया है। आपने ग़लत पढ़ा है। धारा 124 (क) देशद्रोह के बारे में नहीं है, राजद्रोह (यानी सरकार के ख़िलाफ़ विद्रोह) के बारे में है और इस धारा में जो लिखा हुआ है, उसके आधार पर फ़ेसबुक या कहीं भी मोदी सरकार के ख़िलाफ़ लिखने वाले हर व्यक्ति पर राजद्रोह (मीडिया के शब्दों में देशद्रोह) का मुक़दमा चलाया जा सकता है। मैं मज़ाक नहीं कर रहा। आप नीचे पढ़ लें कि धारा 124 (क) में क्या लिखा हुआ है। क़ानूनी भाषा है जिसको मैंने हूबहू कॉपी-पेस्ट किया है इसलिए आपको पढ़ने-समझने में थोड़ी परेशानी आ सकती है लेकिन मुझे उम्मीद है कि उसका सार आप समझ लेंगे। सुविधा के लिए मैंने नीचे अंग्रेज़ी में भी वही बात दे दी है।
सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, देशविरोधी नारे लगाना राजद्रोह नहीं है
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- 15 Jan, 2019

जेएनयू के छात्रोें के ख़िलाफ़ राजद्रोह का मुक़दमा दर्ज़ होने के बाद यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। राजद्रोह क्या है और इसके पीछे मंशा क्या रही है?
नीरेंद्र नागर सत्यहिंदी.कॉम के पूर्व संपादक हैं। इससे पहले वे नवभारतटाइम्स.कॉम में संपादक और आज तक टीवी चैनल में सीनियर प्रड्यूसर रह चुके हैं। 35 साल से पत्रकारिता के पेशे से जुड़े नीरेंद्र लेखन को इसका ज़रूरी हिस्सा मानते हैं। वे देश