मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा के मामले की सुनवाई से एक के बाद एक 5 जजों के ख़ुद को अलग कर लेने से नया सवाल उठ खड़ा हुआ है। वरिष्ठ जज मदन लोकुर का मानना है कि किसी भी मामले की सुनवाई से किसी जज के ख़ुद को अलग करने की एक प्रक्रिया तय होनी चाहिए। लोकुर ने इसकी वजह बताते हुए कहा कि आजकल इस तरह के मामले बढ़ रहे हैं, इसलिए इसके लिए भी एक नियम होना चाहिए ताकि कोई जज ख़ुद को किसी मामले से अलग करे तो बेंच के दूसरे जजों के लिए असहज स्थिति न पैदा हो।