मोदी सरकार अब प्रसारण (ब्राडकास्ट) और डिजिटल माध्यमों के पीछे पड़ गई है। जिससे प्रेस की आजादी खतरे में पड़ गई है। केंद्र सरकार प्रस्तावित प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक, 2023, डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023, प्रेस पंजीकरण अधिनियम, 2023 और आईटी संशोधन अधिनियम जैसे कानूनों के तहत मीडिया पर शिकंजा कसने जा रही है। यह कानून मोदी सरकार को किसी भी ऑनलाइन सामग्री को हटाने का अधिकार देता है जिसे वह गलत या भ्रामक मानती है। इसका सबसे बड़ा नतीजा सोशल मीडिया पर सक्रिय लोगों को भुगतना होगा। हालांकि इस कानून के पास होने से पहले ही दिल्ली पुलिस ने एक्स (ट्विटर) से कहा कि वो पत्रकार और ऑल्ट न्यूज के सहसंस्थापक मोहम्मद जुबैर के कंटेंट को हटाए।