मोदी सरकार अब प्रसारण (ब्राडकास्ट) और डिजिटल माध्यमों के पीछे पड़ गई है। जिससे प्रेस की आजादी खतरे में पड़ गई है। केंद्र सरकार प्रस्तावित प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक, 2023, डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023, प्रेस पंजीकरण अधिनियम, 2023 और आईटी संशोधन अधिनियम जैसे कानूनों के तहत मीडिया पर शिकंजा कसने जा रही है। यह कानून मोदी सरकार को किसी भी ऑनलाइन सामग्री को हटाने का अधिकार देता है जिसे वह गलत या भ्रामक मानती है। इसका सबसे बड़ा नतीजा सोशल मीडिया पर सक्रिय लोगों को भुगतना होगा। हालांकि इस कानून के पास होने से पहले ही दिल्ली पुलिस ने एक्स (ट्विटर) से कहा कि वो पत्रकार और ऑल्ट न्यूज के सहसंस्थापक मोहम्मद जुबैर के कंटेंट को हटाए।
प्रेस की आजादी खतरे मेंः मोदी सरकार के प्रस्तावित कानूनों से पत्रकार संगठन क्यों नाराज?
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- 29 Mar, 2025
मोदी सरकार ने हाल ही में प्रेस की आजादी को खतरे में डालने वाला कानून बनाया है। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया सहित तमाम पत्रकार संगठन, डिजिटल मीडिया अधिकार संगठन आदि ने सरकार के इस कदम का विरोध शुरू कर दिया है। जानिए उस कानून में ऐसा क्या है जो मीडिया के साथ-साथ आम लोगों को भी प्रभावित करेगा।
