अशोक विश्वविद्यालय में एक के बाद एक प्रोफेसरों के इस्तीफे से सवाल उठ रहे हैं कि क्या देश के विश्वविद्यालय किसी राजनीतिक दबाव में हैं? यह सवाल तब भी उठे जब राजनीतिक विश्लेषक व लेखक प्रताप भानु मेहता ने इस्तीफा दिया और तब भी जब इसके बाद मशहूर अर्थशास्त्री अरविंद सुब्रमण्यन ने भी विश्वविद्यालय से इस्तीफ़ा दे दिया। अब प्रताप भानु मेहता का वह इस्तीफ़े वाला पत्र सामने आया है जिसमें उन्होंने इस्तीफ़े का कारण औपचारिक तौर पर बताया है। इसमें उन्होंने लिखा है- 'संस्थापकों के साथ बैठक में यह स्पष्ट हुआ कि मैं अशोक विश्वविद्यालय के लिए राजनीतिक मुसीबत के रूप में माना जाऊँगा'।
मैं अशोक विश्वविद्यालय के लिये राजनीतिक मुसीबत था: प्रताप भानु मेहता
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- 19 Mar, 2021
अशोक विश्वविद्यालय में एक के बाद एक प्रोफेसरों के इस्तीफे से सवाल उठ रहे हैं कि क्या विश्वविद्यालय किसी राजनीतिक दबाव में है? यह सवाल तब उठा जब राजनीतिक विश्लेषक व लेखक प्रताप भानु मेहता ने इस्तीफा दिया।

प्रताप भानु मेहता ने अपने इस्तीफ़े में जिस ओर इशारा किया है उसी ओर मशहूर अर्थशास्त्री अरविंद सुब्रमण्यन ने भी इशारा किया है। मेहता के बाद सुब्रमण्यन ने भी इस्तीफ़ा दे दिया है। प्रधानमंत्री मोदी के आर्थिक सलाहकार रहे सुब्रमण्यन ने मेहता के इस्तीफ़े से जुड़ी परिस्थितियों को अपने इस्तीफ़े की वजह बताते हुए कहा कि अशोक विश्वविद्यालय में अब अकादमिक अभिव्यक्ति व स्वतंत्रता की जगह नहीं बची है।