अशोक विश्वविद्यालय में एक के बाद एक प्रोफेसरों के इस्तीफे से सवाल उठ रहे हैं कि क्या देश के विश्वविद्यालय किसी राजनीतिक दबाव में हैं? यह सवाल तब भी उठे जब राजनीतिक विश्‍लेषक व लेखक प्रताप भानु मेहता ने इस्तीफा दिया और तब भी जब इसके बाद मशहूर अर्थशास्त्री अरविंद सुब्रमण्यन ने भी विश्वविद्यालय से इस्तीफ़ा दे दिया। अब प्रताप भानु मेहता का वह इस्तीफ़े वाला पत्र सामने आया है जिसमें उन्होंने इस्तीफ़े का कारण औपचारिक तौर पर बताया है। इसमें उन्होंने लिखा है- 'संस्थापकों के साथ बैठक में यह स्पष्ट हुआ कि मैं अशोक विश्वविद्यालय के लिए राजनीतिक मुसीबत के रूप में माना जाऊँगा'।