केंद्रीय बिजली मंत्रालय भले ही यह दावा करे कि रविवार रात 9 बजे यकायक सभी बत्तियाँ बुझाने से ग्रिड के फेल होने की आशंका बेबुनियाद है, सच यह है कि इसी मंत्रालय के कई विभाग और ख़ुद ग्रिड इस तैयारी में पूरे जोर से जुटे हुए हैं कि ग्रिड को फेल होने से बचाया जाए। यानी, मंत्रालय के ही लोग ग्रिड फेल होने की संभावना को खारिज नहीं कर रहे हैं। इसके उलट वे ऐसा होने से बचाने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं।
क्या है सरकार की योजना?
मंत्रालय ने एक आपातकालीन योजना बनाई है, जिसके तहत प्लांट लोड यानी बिजली संयंत्रों का बोझ, मतलब बिजली की सप्लाई धीरे-धीरे कई चरणों में कम करने की कार्य योजना तैयार की है। ऐसा इसलिए किया जा रहा कि बिजली की खपत यकायक कम नहीं हो, वह धीरे-धीरे कई चरणों में कम किया जाए।इसके अलावा गैस से चलने वाले संयंत्रों और पनबिजली घरों में उत्पादन पर ध्यान दिया जा रहा है ताकि बिजली की खपत पहले की तरह सामान्य होने पर इन संयंत्रों से बिजली ली जाए और ताप बिजलीघरों पर बोझ न पड़े।
मुस्तैद है बिजली विभाग
आपातकालीन योजना के तहत बिजली विभाग से जुड़े तमाम कर्मचारियों से कहा गया है कि वे अपनी ड्यूटी पर आएं, यानी रविवार की छुट्टी रद्द कर दी गई है। ऐसा इसलिए किया गया है कि ज़रूरत पड़ने पर कर्मचारियों की कमी न हो।इसके अलावा ‘ब्लैट स्टार्ट फ़ैसिलिटीज़’ को भी सक्रिय कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि ग्रिड के लोड डिस्पैच केंद्रों पर यह व्यवस्था की गई है कि ग्रिड फेल होने की स्थिति में उसे जल्द शुरू किया जा सके।
दिशा निर्देश
राष्ट्रीय ग्रिड चलाने वाली कंपनी पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (पोसोको) ने एक दिशा निर्देश जारी किया है। इसमें 30 निर्देश दिए गए हैं। कई राज्यों के बिजलीघरों और ग्रिड स्टेशनों ने पोसोको से संपर्क कर कहा है कि उन्हें ग्रिड फेल होने की आशंका है। इसके बाद ही पोसोको ने यह कदम उठाया है।कुल मिला कर कोशिश यह है कि बिजली की माँग में यकायक कमी न हो, उसे धीरे-धीरे कम किया जाए और जब स्थिति सामान्य हो तो बिजली दूसरे स्रोतों से ली जाए।
इससे यह होगा कि माँग और आपूर्ति के बीच बहुत बड़ा अंतर नहीं होगा, वोल्टेज ड्रॉप नहीं होगा और ग्रिड फेल नहीं होगा। आज की कुल रणनीति इसी के इर्द गिर्द है।
सरकार की सफ़ाई
हालांकि बिजली मंत्रालय ने आधिकारिक तौर ख़ुद इसे आधारहीन भी क़रार दिया है। शनिवार को मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि ग्रिड सिस्टम काफी मजबूत है और उसके फेल होने की कोई संभावना नहीं है।मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘यह डर जताया जा रहा है कि ग्रिड में अस्थिरता आएगी और वोल्टेज में तेज़ उतार-चढाव होने से लोगों के बिजली से चलने वाले उपकरण खराब हो जाएंगे। यह आशंका ग़लत है।’
बयान में कहा गया है, ‘भारत की बिजली ग्रिड प्रणाली मजबूत और स्थिर है, मांग में होने वाले उतार-चढ़ाव को संभालने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है और प्रोटोकॉल का ख्याल रखा गया है।’
क्या कहा राउत ने?
इसके पहले महाराष्ट्र के बिजली मंत्री नितिन राउत ने कहा था कि एक साथ सारी बत्तियाँ बुझाने से बिजली की खपत और उसके उत्पादन में इतना बड़ा अंतर हो जाएगा कि बिजली ग्रिड फेल हो जाएगा, बिजली की सप्लाई ठप हो जाएगी और पूरा देश अंधेरे में डूब जाएगा। इसे ठीक करने में 12-16 घंटे लग जाएंगे।बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वीडियो मैसेज में लोगों से अपील की है कि रविवार की रात 9 बजे 9 मिनट के लिए सारे घर की बत्तियाँ बुझा कर मोमबत्ती या दीपक जलाएं। उन्होंने कहा कि कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में एकजुटता दिखाने के लिए ऐसा करना ज़रूरी है।
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