विपक्षी दलों ने रविवार 2 जून को चुनाव आयोग से मांग की 4 जून को ईवीएम की गिनती से पहले पोस्टल बैलेट की गिनती कराई जाए। विपक्ष ने यह मांग अनायास ही नहीं रख दी। 2019 के आम चुनाव तक पोस्टल बैलेट यानी डाक मतपत्रों की गिनती पहले होती थी और उसके आधे घंटे बाद ईवीएम के वोटों की गिनती शुरू होती थी। ईवीएम के वोटों की गिनती शुरू करने से पहले सारे पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी हो जाती थी।
पोस्टल बैलेट विवाद क्या है, चुनाव आयोग ने अपना ही नियम क्यों बदला
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- 29 Mar, 2025
2019 के आम चुनाव तक पोस्टल बैलेट की गिनती पहले होती थी और ईवीएम के वोटों की गिनती उसके बाद होती थी। लेकिन उसके बाद चुनाव आयोग ने अपना ही नियम बदल दिया। विपक्ष ने इस मुद्दे को उठाया है। आखिर चुनाव आयोग ने अपना नियम क्यों बदला, जानिएः
