भारत दुनिया का तीसरा सबसे प्रदूषित देश बनकर उभरा है। स्विस संगठन IQAir की विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2023 के अनुसार भारत की वायु गुणवत्ताहै 54.4 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की औसत वार्षिक PM2.5 के साथ, केवल दो देशों - बांग्लादेश और पाकिस्तान से बेहतर है।
“
2023 में जब 2022 की रिपोर्ट आई थी, उसमें भारत आठवें स्थान पर था। 2022 में, भारत में PM2.5 औसतन 53.3 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था। इस तरह 2022 के बाद 2023 में प्रदूषण की स्थिति बदतर हो गई। 2024 की रिपोर्ट अगले साल 2025 में जारी होगी, तब पता चल सकेगा कि हालात और गिरे या कुछ सुधार भी हुआ।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि लगभग 136 भारतीय नागरिकों को निर्धारित स्तर से अधिक पीएम2.5 की खराब आब-ओ-हवा का सामना करना पड़ता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि डब्ल्यूएचओ ने अपने दिशानिर्देश में वायु का स्तर 5 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर निर्धारित किया है।
लगभग 96% भारतीय आबादी को पीएम2.5 के स्तर का सामना करना पड़ता है जो सिफारिश स्तर से सात गुना अधिक है। 66% से अधिक भारतीय शहरों में वार्षिक औसत 35 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक दर्ज किया गया है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इसे "सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल" कहा है, जिस पर एक जिम्मेदार सरकार को ध्यान देने की आवश्यकता है।
अपनी राय बतायें